
नौकरी बदलते ही PF ट्रांसफर का झंझट अब अतीत की बात हो जाएगी, क्योंकि EPFO ने Provident Fund ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑटोमैटिक बना दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की इस नई पहल के चलते अब जब भी कोई कर्मचारी नई नौकरी जॉइन करता है, तो PF अपने आप पिछले अकाउंट से नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। यह बदलाव उन लाखों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो हर बार नौकरी बदलते वक्त PF ट्रांसफर की जटिल प्रक्रिया से गुजरते थे।
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EPFO का नया नियम क्या है?
EPFO ने हाल ही में PF ट्रांसफर प्रोसेस को पूरी तरह से ऑटोमैटिक करने का ऐलान किया है। पहले कर्मचारी को फॉर्म-13 भरना पड़ता था, और PF ट्रांसफर के लिए दोनों नियोक्ताओं की मंजूरी लेनी होती थी। अब नई व्यवस्था के तहत जैसे ही नया एम्प्लॉयर UAN नंबर के तहत पहली PF कॉन्ट्रिब्यूशन करता है, पुराना PF बैलेंस अपने आप ट्रांसफर हो जाएगा। इस नई सुविधा से लाखों कर्मचारी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे और प्रक्रिया में लगने वाला समय व जटिलता भी घटेगी।
PF ट्रांसफर के लिए क्या शर्तें होंगी जरूरी?
EPFO का यह ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम तभी काम करेगा जब कुछ जरूरी शर्तें पूरी हों। सबसे पहली और अहम शर्त यह है कि कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) सक्रिय होना चाहिए और आधार से लिंक होना चाहिए। दूसरा, पुराने नियोक्ता द्वारा सेवा समाप्ति की तारीख EPFO पोर्टल पर सही ढंग से दर्ज की जानी चाहिए। तीसरा, नया नियोक्ता EPFO में कर्मचारी का PF खाता सक्रिय करे और PF योगदान शुरू करे। यदि ये तीनों शर्तें पूरी होती हैं, तो ट्रांसफर अपने आप हो जाएगा और कर्मचारी को किसी भी दस्तावेज़ी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
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कर्मचारियों को इससे क्या फायदा मिलेगा?
यह नई व्यवस्था कर्मचारियों के लिए कई मायनों में लाभदायक है। सबसे पहले तो उन्हें किसी भी प्रकार के ट्रांसफर फॉर्म भरने या विभागीय चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी। दूसरा, ट्रांसफर की प्रक्रिया पहले की तुलना में बेहद तेज़ और पारदर्शी हो जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों को अपने PF बैलेंस की ट्रैकिंग करना भी आसान होगा क्योंकि अब सब कुछ एक ही UAN के तहत मैप रहेगा। ट्रांसफर की जानकारी SMS और ईमेल के माध्यम से सीधे कर्मचारी को भेजी जाएगी, जिससे किसी भी गलती या धोखे की संभावना कम हो जाएगी।
पुराने PF ट्रस्ट पर लागू नहीं होगा नियम
यह जानना भी जरूरी है कि यह ऑटोमैटिक ट्रांसफर सुविधा केवल उन्हीं PF खातों पर लागू होगी जो EPFO के तहत रजिस्टर्ड हैं। यदि आपका पुराना या नया नियोक्ता निजी PF ट्रस्ट में शामिल है, तो इस पर यह नियम लागू नहीं होगा और आपको मैन्युअली फॉर्म-13 भरकर ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसलिए नौकरी बदलते समय यह जरूर चेक करें कि नया एम्प्लॉयर EPFO में रजिस्टर्ड है या नहीं।
तकनीक के जरिए ट्रांसफर हुआ आसान
EPFO की यह नई पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और मजबूत कदम है। ऑटोमैटिक PF ट्रांसफर से न केवल कर्मचारियों का समय और मेहनत बचेगा, बल्कि सरकारी विभागों पर भी काम का बोझ कम होगा। इससे नियोक्ताओं को भी बार-बार दस्तावेज़ अपलोड करने और मंजूरी देने जैसी प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी। ई-नॉमिनेशन, ई-केवाईसी और डिजिटल सिग्नेचर जैसी तकनीकी सुविधाओं के साथ अब PF ट्रांसफर भी उसी आधुनिक व्यवस्था का हिस्सा बन गया है।
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