
EPFO पेंशन में इजाफे को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलों को अब एक नया आयाम मिल चुका है। सरकार की योजना है कि Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-95) के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को वर्तमान ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 प्रति माह कर दिया जाए। यह प्रस्ताव 2025 के केंद्रीय बजट में शामिल किया जा सकता है और इसका असर सीधे 65 लाख से अधिक पेंशनधारकों पर पड़ेगा। यह बदलाव पेंशनधारकों को एक स्थिर और सम्मानजनक जीवन यापन देने के इरादे से किया जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर है।
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EPS-95 पेंशन में वृद्धि क्यों है ज़रूरी
EPS-95 स्कीम के तहत वर्षों से पेंशनधारकों को मात्र ₹1,000 प्रति माह की राशि मिल रही है, जो आज के समय में जीवनयापन के लिए नाकाफी है। 2014 में यह न्यूनतम राशि तय की गई थी, लेकिन पिछले दस वर्षों में महंगाई और जीवन-यापन की लागत में कई गुना वृद्धि हो चुकी है। ऐसे में सरकार द्वारा ₹7,500 प्रति माह पेंशन की घोषणा एक बड़ी राहत के रूप में सामने आ सकती है, जिससे वृद्धजनों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
महंगाई भत्ते के साथ पेंशन का नया रूप
2025 में संभावित इस पेंशन वृद्धि के साथ EPFO द्वारा महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance (DA) को भी पेंशन से जोड़े जाने पर विचार किया जा रहा है। इसका सीधा असर यह होगा कि पेंशनधारकों की मासिक राशि केवल स्थिर नहीं रहेगी, बल्कि समय-समय पर बदलती महंगाई दर के अनुसार उसमें इजाफा होता रहेगा। इस बदलाव का उद्देश्य पेंशन की क्रय शक्ति को बरकरार रखना है ताकि बढ़ती महंगाई पेंशनधारकों की जीवनशैली को प्रभावित न कर सके।
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लाखों पेंशनधारकों को मिलेगा सीधा लाभ
इस योजना का सीधा लाभ EPS-95 के करीब 65 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा, जो वर्षों से पेंशन में इजाफे की मांग कर रहे थे। वरिष्ठ नागरिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों द्वारा लगातार किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन और ज्ञापन का असर अब सरकार की योजनाओं में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के बीच इस विषय पर सक्रिय चर्चा चल रही है और 2025 के बजट में इसे औपचारिक रूप मिलने की उम्मीद है।
EPFO द्वारा प्रस्तावित अन्य सुधार
EPFO सिर्फ पेंशन में इजाफा नहीं कर रहा, बल्कि पूरे सिस्टम को और अधिक पारदर्शी और सुविधा-संपन्न बनाने के लिए कई योजनाएं बना रहा है। एक बड़ी योजना Centralized Pension Payment System (CPPS) की शुरुआत है, जिससे पेंशनधारक देश के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन ले सकेंगे। साथ ही ₹15,000 की मौजूदा EPS पात्रता सीमा को बढ़ाकर ₹21,000 करने की भी बात चल रही है, जिससे और अधिक कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा।
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भविष्य की तैयारियों और बजट का असर
यदि यह पेंशन वृद्धि 2025 के केंद्रीय बजट में पास होती है, तो इसका असर सरकार के सोशल सिक्योरिटी फंड पर पड़ेगा, लेकिन इसके दूरगामी सामाजिक लाभ कहीं अधिक होंगे। इससे बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा और वे अपने खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगे। यह कदम सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को भी मजबूती देगा और सामाजिक सुरक्षा को एक नई दिशा प्रदान करेगा।