
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में Employees’ Pension Scheme (EPS) के तहत पेंशन कैलकुलेशन के नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और बेहतर पेंशन लाभ मिल सकेगा। यह बदलाव कर्मचारियों की सेवा अवधि और वेतन के आधार पर पेंशन को अधिक पारदर्शी और लाभकारी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। EPFO द्वारा लागू किए गए इन नए नियमों से पेंशनर्स को उच्च पेंशन का विकल्प मिलेगा और प्रक्रिया भी अधिक सरल और सुलभ होगी।
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नई पेंशन कैलकुलेशन कैसे काम करती है?
नई पेंशन कैलकुलेशन को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब मासिक पेंशन की गणना निम्नलिखित फॉर्मूले से की जाएगी:
पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला
मासिक पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सर्विस) / 70
यहां,
- पेंशनेबल सैलरी: यह आपके अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी होती है।
- पेंशनेबल सर्विस: यह आपकी सेवा अवधि है, जिसमें आपने EPS में योगदान दिया हो।
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उदाहरण के लिए:
अगर किसी कर्मचारी की पेंशनेबल सैलरी ₹15,000 है और उसने 10 साल तक EPS में योगदान दिया है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
मासिक पेंशन = (15,000 × 10) / 70 = ₹2,143
इस फॉर्मूले के अनुसार, कर्मचारी की मासिक पेंशन ₹2,143 होगी। यह कैलकुलेशन प्रक्रिया सरल और स्पष्ट है, जिससे कर्मचारियों को अपनी पेंशन राशि समझने में आसानी होगी।
EPS के मुख्य फीचर्स
- नई पेंशन कैलकुलेशन के साथ-साथ EPS के कुछ मुख्य फीचर्स इस प्रकार हैं:
न्यूनतम सेवा अवधि
EPS का लाभ पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा अवधि आवश्यक है। यदि कर्मचारी 10 वर्ष तक EPS में योगदान देता है, तो वह रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का हकदार होगा।
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न्यूनतम मासिक पेंशन
वर्तमान में न्यूनतम मासिक पेंशन ₹1,000 निर्धारित है, लेकिन इसे बढ़ाकर ₹7,500 करने की मांग की जा रही है। इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जिससे पेंशनर्स को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिल सके।
योगदान दर
EPS में योगदान नियोक्ता द्वारा किया जाता है, जो कर्मचारी के वेतन का 8.33% होता है। यह राशि कर्मचारी के भविष्य के पेंशन फंड में जोड़ी जाती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद नियमित आय सुनिश्चित होती है।
पात्रता आयु
EPS के तहत पेंशन का लाभ लेने के लिए कर्मचारी की न्यूनतम आयु 58 वर्ष होनी चाहिए। यदि कर्मचारी 58 वर्ष की आयु तक सेवा में रहता है और 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा अवधि पूरी करता है, तो वह पेंशन का लाभ उठा सकता है।
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नई सुविधाएं और बदलाव
EPFO ने नई पेंशन कैलकुलेशन के साथ-साथ कुछ अन्य सुविधाएं और बदलाव भी किए हैं, जो पेंशनर्स के लिए अधिक सुविधाजनक और लाभकारी हैं।
Centralized Pension Payment System (CPPS)
EPFO ने Centralized Pension Payment System (CPPS) लागू किया है, जिससे पेंशन भुगतान प्रक्रिया को केंद्रीकृत और सरल बनाया गया है। इसके तहत:
- पेंशनर्स अब किसी भी बैंक खाते में पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
- भुगतान प्रक्रिया तेज और त्रुटिरहित होगी, जिससे समय की बचत होगी।
Higher Pension Option
EPFO ने कर्मचारियों को उनकी वास्तविक सैलरी के आधार पर अधिक पेंशन का विकल्प भी दिया है। इसके लिए कर्मचारियों को अतिरिक्त योगदान देना होगा, जिससे वे अपनी जरूरतों के अनुसार उच्च पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
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Simplified Joint Declaration Process
EPFO ने जॉइंट डिक्लेरेशन प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है, जिससे दस्तावेज़ जमा करने और क्लेम प्रोसेसिंग तेज और आसान हो गई है। अब सदस्य अपने प्रोफाइल डिटेल्स जैसे नाम, जन्मतिथि आदि को भी ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं।
EPS और EPF में अंतर
- EPS (Employee Pension Scheme): इसका उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद मासिक आय प्रदान करना है और इसमें केवल नियोक्ता का 8.33% योगदान होता है।
- EPF (Employee Provident Fund): इसका उद्देश्य बचत और ब्याज अर्जित करना है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का 12% योगदान होता है, जिसे नौकरी बदलने पर भी निकाला जा सकता है।
नई पेंशन योजना से लाभ
बेहतर वित्तीय सुरक्षा
- नई पेंशन कैलकुलेशन और उच्च पेंशन विकल्प से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
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सरल प्रक्रिया और ऑनलाइन सेवाएं
EPFO ने ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ावा देकर पेंशन प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया है। अब कर्मचारी प्रोफाइल अपडेट, जॉइंट डिक्लेरेशन और पेंशन भुगतान जैसी सेवाओं का लाभ ऑनलाइन उठा सकते हैं।
उच्च पेंशन विकल्प
कर्मचारी अपनी वास्तविक सैलरी के आधार पर अधिक पेंशन प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त योगदान दे सकते हैं। इससे उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पेंशन राशि चुनने का लचीलापन मिलता है।