EPFO अपडेट: जनवरी में जुड़े 17.89 लाख नए सदस्य, 8.23 लाख लोगों ने पहली बार कराया रजिस्ट्रेशन!

जनवरी 2025 में EPFO से 17.89 लाख नए सदस्य जुड़े, जिनमें से 8.23 लाख ने पहली बार रजिस्ट्रेशन कराया। युवाओं और महिलाओं की भागीदारी में आई तेजी, महाराष्ट्र जैसे राज्यों का दबदबा और संगठित क्षेत्र की बढ़ती अहमियत इस रिपोर्ट की प्रमुख झलकियां हैं। यह आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत देते हैं।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO अपडेट: जनवरी में जुड़े 17.89 लाख नए सदस्य, 8.23 लाख लोगों ने पहली बार कराया रजिस्ट्रेशन!

जनवरी 2025 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपनी सदस्यता में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। इस महीने कुल 17.89 लाख नए सदस्य जुड़े, जो पिछले महीने यानी दिसंबर 2024 की तुलना में 11.48% अधिक हैं। यह आंकड़े भारत की संगठित जॉब मार्केट की मजबूती और EPFO की योजनाओं की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाते हैं।

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युवाओं की संख्या 8.23 लाख पहुंची

इन 17.89 लाख नए सदस्यों में से 8.23 लाख ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली बार EPFO से रजिस्ट्रेशन कराया है। यह संकेत है कि बड़ी संख्या में युवा अब संगठित रोजगार की ओर रुख कर रहे हैं। EPFO में शामिल होने वाले नए सदस्यों में अधिकांश 18-25 आयु वर्ग के हैं, जिनकी संख्या 4.70 लाख है। यह कुल नए सदस्यों का 57.07% है, जिससे स्पष्ट होता है कि पहली नौकरी करने वाले युवा EPFO के माध्यम से अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटी को प्राथमिकता दे रहे हैं।

महिलाओं की भागीदारी में आई उल्लेखनीय वृद्धि

जनवरी 2025 में महिला श्रमिकों की भागीदारी में भी शानदार इजाफा देखने को मिला है। इस दौरान 2.17 लाख नई महिला सदस्य EPFO से जुड़ीं, जो पिछले साल की तुलना में 6.01% अधिक है। यह आंकड़ा दिखाता है कि महिलाओं की संख्या संगठित क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है और वे भविष्य निधि जैसे फाइनेंशियल सेफगार्ड्स को लेकर पहले से कहीं ज़्यादा जागरूक हो रही हैं।

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महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु ने दिखाया दम

राज्यवार विश्लेषण के मुताबिक महाराष्ट्र ने सबसे ज़्यादा नए सदस्य जोड़े हैं, जो कुल संख्या का 22.77% है। इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों का स्थान रहा, जिन्होंने कुल नए सदस्यों में से 5% से अधिक का योगदान दिया है। यह दर्शाता है कि इन राज्यों की औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की गतिशीलता EPFO की सदस्यता में अहम भूमिका निभा रही है।

संगठित रोजगार और जागरूकता में वृद्धि का संकेत

EPFO की यह रिपोर्ट यह भी स्पष्ट करती है कि भारत में संगठित रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और कर्मचारी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को लेकर पहले से अधिक सजग हो गए हैं। रजिस्ट्रेशन की यह तेजी ईपीएफओ की डिजिटल पहुंच, तेज़ प्रक्रिया और बढ़ते फायदों के कारण भी संभव हुई है।

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