नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है। यह योजना मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का एक विकल्प होगी, जिससे सरकारी कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा और पेंशन लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
2004 से रिटायर हुए कर्मचारियों को भी लाभ
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जो कर्मचारी 2004 से मार्च 2025 तक रिटायर हुए हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें ब्याज सहित एरियर भी प्रदान किया जाएगा।
विपक्ष का ओपीएस पर राजनीति
विपक्ष की ओर से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर राजनीति की जा रही थी, जिसके जवाब में सरकार ने UPS का फैसला लिया है। UPS को केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। सरकार का आकलन है कि यह योजना एनपीएस से ज्यादा लाभदायक होगी और कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
राज्य सरकारों को भी मिलेगा विकल्प
अगर राज्य सरकारें चाहें, तो वे भी UPS को अपने कर्मचारियों के लिए लागू कर सकती हैं। इससे राज्य सरकारों के लगभग 90 लाख कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकता है।
कब से लागू होगी UPS?
UPS योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी। इस योजना से जुड़े नियम और लाभ कर्मचारियों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेंगे और उनके भविष्य को सुरक्षित करेंगे।
इस योजना के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ पेंशन में स्थिरता भी मिलेगी, जो एनपीएस में नहीं थी।
UPS की मुख्य बातें
- एश्योर्ड पेंशन: UPS के तहत, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद 50% एश्योर्ड पेंशन दी जाएगी, जो उनके अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% होगी। कर्मचारियों को 25 साल की सेवा के बाद यह पेंशन लाभ मिलेगा।
- फैमिली पेंशन: अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को UPS के तहत पेंशन का 60% हिस्सा फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगा।
- न्यूनतम पेंशन: UPS के तहत 25 साल से कम सेवा करने वाले कर्मचारियों को भी न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह पेंशन का प्रावधान किया गया है।
- सरकार का योगदान: UPS में सरकार का योगदान 18.5% होगा, जिससे कर्मचारियों को बेहतर पेंशन लाभ मिल सकेगा।