UPS के विरोध में शिक्षकों और कर्मचारियों ने चलाया अभियान, बोले ना NPS, ना UPS, हमे चाहिए केवल OPS

शिक्षक और सरकारी कर्मचारी नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में एकजुट होकर सोशल मीडिया पर और पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग कर रहे हैं।

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Written by Rohit Kumar

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शिक्षकों-कर्मचारियों ने चलाया अभियान, बोले ना NPS, ना UPS, हमे चाहिए केवल OPS

भारतीय सरकार द्वारा प्रस्तावित नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ देशभर के शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों में व्यापक असंतोष उत्पन्न हो गया है। इस नई योजना के विरोध में बृहस्पतिवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, शिक्षकों और कर्मचारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक बड़ा डिजिटल अभियान शुरू किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से बहाल करने की मांग की गई।

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शिक्षकों-कर्मचारियों की मांग

इस अभियान के दौरान, नारे ‘No NPS, No UPS, Only OPS’ ने सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसार पाया, जिसमें चार लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। इस विरोधी गतिविधि को व्यापक समर्थन मिलने से यह लंबे समय तक चर्चा में बनी रही। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इस घटनाक्रम को शिक्षकों और कर्मचारियों की गहरी निराशा का प्रतीक बताया।

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पुरानी पेंशन बहाली पर एकजुटता

विजय कुमार बंधु ने कहा कि UPS, NPS की तरह एक छलावा है, जिसने कर्मचारियों को निराश किया है और इससे पूरे देश में उनके बीच गुस्सा भड़का है। इसके प्रतिरोध के रूप में NMOPS के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार ने घोषणा की कि शिक्षक और कर्मचारी दो से छह सितंबर तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, जो कि पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए उनकी एकजुटता को दर्शाता है।

निष्कर्ष

यह आंदोलन न केवल सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा के लिए उनकी चिंता को प्रकट करता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि वे अपने अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस घटनाक्रम से उम्मीद की जा सकती है कि सरकार इस मुद्दे पर उचित ध्यान देगी और संभवतः कर्मचारियों की मांगों के अनुरूप कदम उठाएगी।

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