देश के 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को झटका, 18 महीने के DA Arrear पर आई ये बड़ी खबर

केंद्रीय सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) के एरियर को देने से इनकार कर दिया, जिससे 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को निराशा हुई है।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

देश के 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को झटका, 18 महीने के DA Arrear पर आई ये बड़ी खबर

DA Arrear Update: केंद्रीय सरकार ने हाल ही में एक निर्णय लिया है जिसने 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदों को गहरा झटका दिया है। इस निर्णय में, कोरोना महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते के एरियर (DA Arrear) को देने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया गया है। इस निर्णय के पीछे के कारणों और परिणामों को समझने के लिए हमें इस विषय पर गहराई से नजर डालनी होगी।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

महंगाई भत्ते का एरियर

जब विश्व भर में COVID-19 महामारी का प्रकोप था, तो भारत में भी आर्थिक संकट के चलते कई निर्णायक कदम उठाए गए थे। इनमें से एक था केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते को अस्थायी रूप से रोकना। यह निर्णय आर्थिक बोझ को कम करने के लिए उठाया गया था, जिससे सरकार ने 34,402.32 करोड़ रुपये बचाए। लेकिन इस निर्णय का प्रभाव उन कर्मचारियों पर पड़ा, जिन्हें इस भत्ते की सख्त जरूरत थी।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

वित्त राज्य मंत्री की स्पष्टीकरण

राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि मौजूदा वित्तीय हालात में सरकार के पास इस एरियर को जारी करने की कोई योजना नहीं है। इस स्थिति में केंद्रीय कर्मचारियों को एक बड़ी निराशा हाथ लगी है, जो इस एरियर की आशा में थे।

महंगाई भत्ते में वृद्धि पर नई अपडेट

हालांकि सरकार ने एरियर नहीं दिया, परंतु हाल में DA में 4% की वृद्धि की गई है, जिससे कुछ हद तक कर्मचारियों को राहत मिल सकती है। यह वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह उस बड़े नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती जो उन्होंने 18 महीने के एरियर के रूप में उठाया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मामले में राजनीतिक उथल-पुथल भी देखने को मिली है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार के इस निर्णय पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि जब विशालकाय योजनाओं पर अरबों रुपए खर्च किए जा सकते हैं, तो महंगाई भत्ते के एरियर को क्यों नकारा जा रहा है? इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि इस फैसले के विरुद्ध राजनीतिक आवाजें उठ रही हैं।

सरकार का यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी एक बड़ा झटका है। महंगाई भत्ते के इस एरियर की अनुपस्थिति में उनकी आर्थिक स्थिरता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें