पेंशन एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहारा है जो रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। भारत में, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन से संबंधित नीतियों में समय-समय पर संशोधन किया जाता है ताकि यह अधिक प्रभावी और लाभकारी हो सके। हाल ही में, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पेंशन कम्यूटेशन और उसकी वसूली की अवधि को लेकर महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं जिससे पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिली है।
कम्यूटेशन की अवधि और इसके प्रभाव
पेंशन कम्यूटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रिटायरमेंट के बाद के पेंशनभोगी का एक हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में भुगतान किया जाता है। यह राशि निर्धारित समय अवधि के दौरान पेंशन से कटौती करके वसूल की जाती है। भारतीय सरकार ने पहले 15 वर्ष की एक लंबी अवधि तय की थी जिसमें कम्यूटेड पेंशन की वसूली की जाती थी, परंतु प्रचलित ब्याज दरों में गिरावट के कारण, यह अवधि अब विवाद का विषय बन गई थी।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का निर्णय
हाल के फैसलों में, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्धारित 15 वर्ष की वसूली अवधि को अनुचित बताया जब पेंशनभोगियों ने दिखाया कि पूरी राशि की वसूली 10 वर्ष और 8 महीने में ही संभव है। इस प्रकार, कोर्ट ने भविष्य की वसूली पर रोक लगा दी, जिससे पेंशनभोगियों को अनावश्यक वित्तीय बोझ से मुक्ति मिली।
गुजरात सरकार की पहल
इसी संदर्भ में, गुजरात सरकार ने भी पहल करते हुए 15 वर्ष की अवधि को कम करके 13 वर्ष कर दिया है। इस प्रकार के फैसले से पेंशनधारकों को वित्तीय हानि से बचाने में मदद मिलती है और यह उनके लिए एक बड़ी राहत का कारण बनता है।
केंद्र सरकार से अपेक्षाएं
ऐसे में, केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसलों के आधार पर सभी पेंशनभोगियों के लिए कम्यूटेशन की बहाली की अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष करे। इससे न केवल न्यायालय पर अनावश्यक बोझ कम होगा बल्कि पेंशनधारकों की वित्तीय हानी को भी रोका जा सकेगा।
पेंशन कम्यूटेशन और वसूली की अवधि पर हालिया न्यायालय के फैसले ने पेंशनभोगियों को एक नई उम्मीद और राहत प्रदान की है। यह फैसले सरकारी नीतियों में लचीलापन और उनके क्रियान्वयन में संवेदनशीलता की आवश्यकता को भी दर्शाते हैं, जिससे कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों का जीवन अधिक सुगम और आनंदमय हो सके।
I was retired from medical college of UP on 1st july 2008. My computation of pension was 40%.Deduction was completed in April 2024(15 years). Please let me know whether we can go to court in groups for refund of excess amount.
क्या ही नोशनल इन्क्रीमेंट पर सुप्रीम और हाई कोर्ट विसंगति दूर कर सभी रिटायर्ड 30 जून व 31 दिसम्बर के रिटायर्ड को नोशनल इन्क्रीमेट दिलाकर अनुगृहीत करेंगे
Next date of hearing in PB and HR High court Chandigarh mein 21.08.2024 hai abhi judgement nahi hui hai sirf petitioner ka hi stay laga hai. Baise bhi jab tak dopt ka circular/order central government pensioners ke liye nahi aata pension disbursing banks recovery bandh nahi karenge. Jai Hind vande matram.
Aa liya ji carcular
The middle class is the beast of burden. He has to pay tax on what he earns again pay GST when he spends. The govts. dole out freebies to the so called poor and the Corporates. Add this to the lavish and royal lifestyle they are accustomed to. If a politician sneezes he goes to foreign hospitals alongwith their family and entourage cost of which is paid by the middle class. Also they receive any benefit from the Govt. The govt is well aware that the pensioners have no bargaining power so they are sqizzed. India is very rich but it’s citizens are poor.
Ab question yeh hai ki jinka 14 years 4 month already deduct ho chuka hai unka excess deduction amount wapas milega kya?
Hon Nirmala sitaraman you are sleeping as far as bank pensioners are concerned.
Very logical and factual. Should be for all services all over the country.
Kindly inform about excess deduction already made