भारत सरकार ने हाल ही में “वन रैंक वन पेंशन” (OROP) योजना के अंतर्गत सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए पेंशन संशोधनों की घोषणा की, जिससे सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों को महत्वपूर्ण लाभ होगा। यह संशोधन उन सभी सैनिकों को समान पेंशन प्रदान करेगा जिन्होंने एक ही रैंक पर सेवाएं दी हैं, भले ही उन्होंने किसी भिन्न तारीख को सेवानिवृत्ति प्राप्त की हो।
पेंशन संशोधन की मुख्य बातें
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस संशोधन से सभी प्रकार के रक्षा पेंशनभोगियों को लाभ होगा, जिसमें सेवानिवृत्त, सेवामुक्त, अयोग्य घोषित, युद्ध में मृत या सेवानिवृत्ति के बाद कमीशन प्राप्त अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, यह संशोधन UK/HKSAR/KCIO पेंशनभोगियों, पाकिस्तान और बर्मा की सेना के पेंशनभोगियों, रिजर्विस्ट पेंशनभोगियों, और समय से पहले सेवानिवृत्ति वाले पेंशनभोगियों पर लागू नहीं होता।
लाभार्थियों पर प्रभाव
नवीनतम संशोधन 4.52 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को लाभ पहुंचाएगा और जुलाई 2019 से प्रभावी होकर कुल 25.13 लाख पेंशनभोगियों के लिए विस्तारित होगा। सरकार का यह कदम सुनिश्चित करेगा कि पिछले पेंशनभोगियों को भविष्य में होने वाली पेंशन बढ़ोतरियों का स्वचालित रूप से लाभ मिले।
OROP योजना का महत्व
OROP योजना का उद्देश्य पुरानी पेंशन असमानताओं को दूर करना है, जिससे समान रैंक और सेवा अवधि वाले सशस्त्र बलों के सदस्यों को सेवानिवृत्ति की तारीख की परवाह किए बिना समान पेंशन मिल सके। यह योजना विशेष रूप से उन पूर्व सैनिकों के लिए लाभकारी है जो 2015 के कार्यान्वयन से पहले सेवानिवृत्त हुए थे।
आगे की राह
OROP के तहत, पेंशनभोगियों को हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की जाती है ताकि मुद्रास्फीति और अन्य आर्थिक परिवर्तनों को दर्शाया जा सके। इसके अलावा, योजना परिवारों, विशेषकर विधवाओं को सहायता प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण है, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
यह संशोधन न केवल पेंशनभोगियों के जीवन में स्थायित्व लाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य की पीढ़ियाँ सरकार की इस पहल के तहत सुरक्षित और समर्थित महसूस कर सकें।