OROP-3 पेंशन पर कैबिनेट ने दी मंजूरी, जल्द मिलेगी संसोधित पेंशन

कैबिनेट ने OROP-3 पेंशन को मंजूरी दी, जिससे लाखों पूर्व सैन्यकर्मियों को लाभ मिलेगा। पेंशनभोगियों के खातों में जल्द ही नई दरों पर पेंशन आएगी।

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Written by Rohit Kumar

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OROP-3 पेंशन पर कैबिनेट ने दी मंजूरी, जल्द मिलेगी संसोधित पेंशन

भारतीय कैबिनेट ने OROP (वन रैंक वन पेंशन) के तीसरे चरण (OROP-3) को मंजूरी दे दी है, जिससे लाखों पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए पेंशन में सुधार होगा। यह निर्णय उन पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है, जो इस नई पेंशन दरों का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। पेंशनभोगियों के खातों में जल्द ही संसोधित पेंशन भेजी जाएगी।

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OROP में पेंशन में सुधार

OROP का सिद्धांत हर पांच साल में पेंशन को संशोधित करने का है। पहली बार मोदी सरकार ने इसे 1 जुलाई 2014 से लागू किया था। इसके बाद जुलाई 2019 से इस योजना में रिवीजन किया गया। हालांकि, इस संशोधन के क्रियान्वयन में कानूनी चुनौतियों के कारण देरी हुई, और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में OROP को लागू करने का आदेश दिया और 1 जुलाई 2019 से एरियर के रूप में इसका लाभ देने का निर्देश दिया। इसका फायदा 30 जून 2019 तक रिटायर हुए सैन्यकर्मियों को मिला था।

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OROP-2 में देरी के कारण

OROP के दूसरे संशोधन (OROP-2) में देरी का प्रमुख कारण सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका थी। सैन्य पेंशनभोगियों ने यह दावा किया था कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित OROP असली नहीं है, और इसमें उन्हें वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चलती रही और अंततः 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद सैन्यकर्मियों ने OROP 1 और OROP 2 का लाभ प्राप्त किया।

कैबिनेट ने OROP-3 पर लगाई मुहर

हाल ही में सम्पन्न हुई कैबिनेट की बैठक में OROP-3 पेंशन पर मुहर लगाई गई है। इस बैठक में रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से OROP-3 पेंशन के बारे में मंजूरी प्राप्त की। कैबिनेट की बैठक में पेंशन की नई दरों पर चर्चा की गई और पीएम मोदी ने इसे हरी झंडी दे दी है। जुलाई 2024 से OROP-3 का लाभ मिलना था, लेकिन सरकार के गठन और औपचारिकताओं के कारण इसमें 1 से 2 महीने का विलंब हुआ है।

OROP की नीति: बीजेपी सरकार की पहल

बीजेपी सरकार ने 2014 में वन रैंक वन पेंशन (OROP) की नीति शुरू की थी। इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समान रैंक और समान सेवा के वर्षों वाले रिटायर सैन्य कर्मियों को समान पेंशन मिले, चाहे वे किसी भी समय रिटायर हुए हों। पहले, अलग-अलग वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की पेंशन में काफी अंतर होता था, लेकिन OROP ने इस भेदभाव को खत्म कर दिया है।

पूर्व सैन्यकर्मियों को OROP का लाभ

OROP के कारण पूर्व सैन्य कर्मियों को न्यायसंगत पेंशन मिल रही है, जिससे उनका मनोबल बढ़ा है। यह नीति उन पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अक्सर वित्तीय समस्याओं से जूझते रहते थे। OROP पॉलिसी ने एक लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को हल करने में सहायता की है, जो कई सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए गुस्से और आक्रोश का कारण रहा है।

OROP-3 पेंशन की मंजूरी से पूर्व सैन्यकर्मियों को निश्चित रूप से बड़ा फायदा होगा। कैबिनेट की इस मंजूरी के बाद, पेंशनभोगियों को अब नई दरों पर पेंशन मिलने की प्रतीक्षा है।

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