OPS: पुरानी पेंशन स्कीम पर मचा बवाल सरकार ने कर ली कुछ और ही तैयारी, संगठनों ने साधी चुप्पी

केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी पुरानी पेंशन (OPS) की बहाली या NPS में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने NPS में सुधार पर केंद्रित बैठक का बहिष्कार किया, गारंटीकृत पेंशन की मांग की। सरकार NPS में OPS के प्रावधान जोड़ने पर विचार कर रही है।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

OPS: पुरानी पेंशन स्कीम पर मचा बवाल सरकार ने कर ली कुछ और ही तैयारी संगठनों ने साधी चुप्पी

नई दिल्ली: केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों के मन में एक बड़ा सवाल घूम रहा है – क्या पुरानी पेंशन (OPS) बहाल होगी या राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में कोई बड़ा सुधार होगा? इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने 15 जुलाई को नेशनल काउंसिल, JCM के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। कमेटी का गठन NPS में सुधार के लिए किया गया था, लेकिन कर्मचारियों के बीच इसे लेकर काफी आशंकाएं हैं।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

कमेटी की बैठक में OPS पर चर्चा न होने की संभावना को देखते हुए कई कर्मचारी संगठनों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने यह समझा कि अगर बैठक में OPS पर बात ही नहीं होगी, तो इसका कोई मतलब नहीं है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

बैठक के नतीजों पर असमंजस

कर्मचारी संगठनों के अनुसार, बैठक के मिनट्स सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, और जिन प्रतिनिधियों को कुछ जानकारी है, उनसे मौन रहने का आग्रह किया गया है। नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि कर्मचारियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया था कि NPS में OPS के सारे फायदे शामिल कर इसे नया रूप दिया जा सकता है।

संभावित सुधारों के संकेत

सरकार NPS में कई संभावनाओं पर विचार कर रही है। जैसे कि NPS में कर्मचारियों का अंशदान और सरकार का योगदान कुल 24 प्रतिशत होता है। यदि सरकार सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को उनके अंशदान का एक हिस्सा देती है और शेष अंशदान को किसी बैंक में जमा कर अंतिम वेतन का आधा और महंगाई भत्ते के साथ पेंशन की गारंटी देती है, तो यह OPS जैसी ही होगी। इसके अलावा, सरकार पेंशनर के बाद उनके आश्रितों को 60 प्रतिशत फैमिली पेंशन देने का प्रावधान भी कर सकती है।

कर्मचारी संगठनों की मांगें

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने जेसीएम के सचिव को पत्र लिखकर सूचित किया था कि कर्मचारियों को OPS से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। वे NPS की समाप्ति और गारंटीकृत OPS की बहाली चाहते हैं। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) ने भी बैठक का बहिष्कार किया। AIDEF के अध्यक्ष एसएन पाठक और महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा कि कर्मचारियों को केवल गारंटीकृत पुरानी पेंशन चाहिए।

OPS की विशेषताएं और NPS की चुनौतियां

OPS में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद तुरंत पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है और हर छह महीने में महंगाई राहत भी मिलती है। इसके अलावा, फैमिली पेंशन का प्रावधान भी है। NPS में कर्मचारियों का अंशदान 10 प्रतिशत होता है और सरकार 14 प्रतिशत जमा करती है। परंतु, कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार अपने पास से कुछ नहीं देती, और कर्मचारी आयकर और जीएसटी दे रहे हैं, जिससे उनका शेयर सरकार देती है।

सरकार की मंशा NPS को खत्म करने की नहीं है, बल्कि उसमें OPS के प्रावधान शामिल करने की है। कर्मचारी संगठनों का दबाव बढ़ता जा रहा है, और सरकार को जल्द ही इस मुद्दे पर स्पष्टता लानी होगी। कर्मचारियों की गारंटीकृत पेंशन की मांग और सरकार के संभावित सुधारों के बीच का तालमेल देखना दिलचस्प होगा

6 thoughts on “OPS: पुरानी पेंशन स्कीम पर मचा बवाल सरकार ने कर ली कुछ और ही तैयारी, संगठनों ने साधी चुप्पी”

  1. मै तो मरनेके कगारपर हु,मै जिंदा हु तबतक मेरे परिवारका भविष्य सुरक्षीत नही होगा,तब तक मुझे समाधान नही,मेरी आत्माको शांती नही?अगर इसी हालातमे मर जाता हु तो काफी बद्दुवाए देते रहुगा जो 100%लगनीही है,दुबारा जन्म लुंगा,ऐसी घटिया सरकारके खिलाफ लडते रहुगा,जो सरकार गुंडे मवाली लोगोकोकरोडो रुपया माफ कर,समर्थन करती है,ऐसी सरकारकी बेइज्जती करते रहुगा,बेहाल बनाऊगा,श्रीरामजी मुझे इतनी शक्ती दे🙏

    प्रतिक्रिया

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें