अगर आप एक सैलरीड क्लास कर्मचारी हैं, तो सरकार की यह नई योजना आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी हो सकती है। सरकार अब एम्पलाई प्राविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में कर्मचारियों की सैलरी से जमा होने वाली राशि को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में इस राशि की सीमा 15,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जा सकता है।
EPFO और EPS में जमा राशि की सीमा
अभी तक कर्मचारी की सैलरी से हर महीने EPFO और EPS में योगदान की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये है। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी 15,000 रुपये या उससे अधिक है, तो उस पर 12% की दर से पीएफ कटता है।
उदाहरण के तौर पर, 15,000 रुपये की सैलरी वाले कर्मचारी के लिए हर महीने कुल 1,800 रुपये PF में जमा होते हैं। इसी प्रकार नियोक्ता भी 12% का योगदान करता है। नियोक्ता के 12% योगदान में से 8.33% (1,250 रुपये) EPS में जाता है और बाकी का 3.67% (550 रुपये) EPF में जमा होता है।
2014 में हुई थी आखिरी बार सीमा में वृद्धि
बता दें, वर्ष 2014 में, EPFO और EPS के अंतर्गत जमा की जाने वाली अधिकतम राशि को ₹6,500 से बढ़ाकर ₹15,000 कर दिया गया था। तब से इस सीमा में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। वर्तमान में, सरकार इस सीमा को और बढ़ाकर ₹21,000 करने का विचार कर रही है, जिससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सकेगा।
4 नई वेज सीमा लागू होने से क्या होगा?
इस नई सीमा के तहत, यदि किसी कर्मचारी का वेतन ₹21,000 है, तो उसका और उसके नियोक्ता का मासिक योगदान क्रमशः 12% होगा, जिससे प्रत्येक का ₹2,520 EPF में जमा होगा। इसमें से नियोक्ता का ₹1,749 EPS में और ₹771 EPF में जमा होगा। इस बदलाव से कर्मचारियों की रिटायरमेंट संबंधी बचत में काफी वृद्धि होगी।
वेज सीमा बढ़ने से क्या होगा फायदा
इस नए नियम से कर्मचारियों को काफी फायदा मिलेगा। अगर कोई कर्मचारी 23 साल की उम्र से EPF में पैसा जमा करना शुरू करता है और 35 साल तक ऐसा करता रहता है, तो मौजूदा 15,000 रुपये की वेज सीमा के अनुसार उसे रिटायरमेंट के समय लगभग 71.55 लाख रुपये मिलेंगे। इसमें से 60.84 लाख रुपये केवल ब्याज होगा और उसकी तरफ से जमा की गई राशि 10.71 लाख रुपये होगी।
कर्मचारियों को होगा 28.45 लाख रुपये का फायदा
लेकिन अगर सरकार वेज सीमा को 21,000 रुपये तक बढ़ाती है, तो यही कर्मचारी रिटायरमेंट के समय लगभग एक करोड़ रुपये प्राप्त करेगा। इसमें 85 लाख रुपये ब्याज का हिस्सा होगा और कर्मचारी की जमा राशि 15 लाख रुपये होगी। इस प्रकार, यह योजना कर्मचारियों को पहले से लगभग 28.45 लाख रुपये अधिक देगी, जो उनके भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत करेगी।