
मध्य प्रदेश (MP) सरकार की ओर से 1 मई 2025 से नई तबादला नीति-Transfer Policy लागू किए जाने की संभावनाएं हैं, जो राज्य में कार्यरत लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ सकती है। सरकार द्वारा तैयार इस नई नीति का उद्देश्य तबादलों की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, तर्कसंगत और ज़रूरत आधारित बनाना है। नई नीति में कई अहम बदलाव प्रस्तावित हैं, जो कर्मचारी वर्ग के लिए राहत के संकेत दे रहे हैं।
यह भी देखें: EPFO Pension: सिर्फ रिटायरमेंट नहीं, इन 7 तरह की पेंशन का मिलता है फायदा – बीच में भी उठा सकते हैं पैसा
पुरानी नीति से राहत
करीब तीन साल से लागू तबादला प्रतिबंध को हटाने की घोषणा सरकार द्वारा की गई है। यह प्रतिबंध कर्मचारियों की कार्यस्थली में बदलाव को सीमित कर रहा था, जिससे विभागीय गतिशीलता पर असर पड़ा था। अब नई नीति के तहत इस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को स्थानांतरण का अवसर फिर से मिलेगा।
मंत्रियों को मिलेगा तबादले का विशेषाधिकार
तबादला नीति 2025 में मंत्रियों को भी विशेषाधिकार प्रदान किया गया है। किसी विभाग के अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों को विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरित करने का अधिकार संबंधित मंत्री को दिया जाएगा। यह व्यवस्था विभागीय कार्यप्रवाह को बेहतर बनाए रखने में सहायक मानी जा रही है।
यह भी देखें: EPS Pension: 10 साल की नौकरी के बाद EPFO से कितनी पेंशन मिलेगी? यहां जानें पूरी डिटेल
मुख्यमंत्री कार्यालय की स्वीकृति होगी जरूरी
नई नीति में सचिव स्तर के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी गई है। इसका उद्देश्य उच्च स्तर के निर्णयों को सुव्यवस्थित बनाना है, जिससे किसी प्रकार की अनावश्यक राजनीति से बचा जा सके।
विभागों को दी गई अधिक स्वतंत्रता
प्रत्येक विभाग को अपने कर्मचारियों के तबादलों के संबंध में अधिक अधिकार और निर्णय लेने की स्वायत्तता दी गई है। इससे विभागीय प्रमुख स्थानीय आवश्यकताओं और कार्यभार को देखते हुए स्थानांतरण के निर्णय ले सकेंगे। यह प्रावधान प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देगा।
यह भी देखें: DA Hike से सैलरी में बंपर बढ़ोतरी! 2 महीने का एरियर भी मिलेगा, जानिए कितना बढ़ेगा महंगाई भत्ता