श्रम मंत्रालय को पत्र: 44 साल पुराने महंगाई भत्ते के फॉर्मूला में बदलाव की मांग

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने श्रम मंत्रालय से 44 साल पुराने महंगाई भत्ते के फॉर्मूले को संशोधित करने की मांग की है, ताकि श्रमिक वर्ग को उनकी वर्तमान उपभोग प्रवृत्ति के अनुसार उचित भत्ता मिल सके।

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Written by Rohit Kumar

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श्रम मंत्रालय को पत्र: 44 साल पुराने महंगाई भत्ते के फॉर्मूला में बदलाव की मांग

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSL Non-Executive Employees Union) ने श्रम एवं रोजगार मंत्री को पत्र लिखकर औद्योगिक कार्मिकों के लिए महंगाई भत्ते के फॉर्मूला में बदलाव की मांग की है। इस फॉर्मूले को अंतिम बार 1980 में संशोधित किया गया था।

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महंगाई भत्ते का इतिहास

महंगाई भत्ता तय करने के लिए 1936 में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPIN) पद्धति लागू की गई थी। इसे 1960 और 1980 में डॉ. सील एवं रथ कमेटी द्वारा संशोधित किया गया था। पिछले 44 वर्षों में इस पद्धति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

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वर्तमान उपभोग की प्रकृति में बदलाव

उपभोक्ताओं की उपभोग की प्रवृत्ति में पिछले 44 वर्षों में काफी बदलाव आया है। श्रम ब्यूरो चंडीगढ़ ने उपभोग वस्तुओं को छह वर्गों में बांटा है:

  1. खाद्य एवं पेय पदार्थ
  2. पान, सुपारी, तम्बाकू और नशीला पदार्थ
  3. कपड़े और जूते
  4. आवास
  5. ईंधन और प्रकाश
  6. विविध

यूनियन का कहना है कि अब समय आ गया है कि इन वर्गों में वृद्धि की जाए और वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार नए समूह जोड़े जाएं।

यूनियन द्वारा प्रस्तावित नए समूह

  1. इलेक्ट्रॉनिक्स समूह: लैपटॉप, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, घरेलू विद्युत उपकरण, मोबाइल रिचार्ज, केबल टीवी, वाई-फाई, ऑनलाइन पेमेंट, विद्युत चार्ज।
  2. पर्यटन समूह: होटल, हवाई यात्रा, ट्रेन यात्रा, शिप/क्रूज यात्रा, रेस्टोरेंट में भोजन, प्रिपेड टैक्सी, बाइक।
  3. स्वास्थ्य समूह: ओपीडी चिकित्सा, स्वास्थ्य बीमा, अस्पताल में भर्ती, ऑपरेशन, ब्रांडेड मेडिसिन, जेनरिक मेडिसिन, चिकित्सकीय जांच।
  4. शिक्षा समूह: निजी विद्यालय शुल्क, ट्यूशन, कोचिंग, पाठ्य पुस्तक का मूल्य, शिक्षा से जुड़ी स्टेशनरी का मूल्य।

वास्तविक महंगाई के अनुसार भत्ते का लाभ नहीं

यूनियन ने कहा कि भारतीय श्रमिक वर्ग की उपभोग की प्रकृति में पिछले 44 वर्षों में आए बदलावों के बावजूद, एआईसीपीएन को संशोधित नहीं किया गया है। इससे श्रमिक वर्ग को वास्तविक बढ़ती महंगाई के अनुसार महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

श्रम मंत्रालय से अनुरोध है कि वे इस फॉर्मूले को संशोधित करें ताकि श्रमिक वर्ग को उनकी उपभोग की वर्तमान प्रवृत्ति के अनुसार उचित महंगाई भत्ता मिल सके।

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