भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई अटल पेंशन योजना (APY) आज एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा उपाय के रूप में उभरी है। इसका नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। 2015 में शुरू हुई यह योजना, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को उनकी वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का एक माध्यम बनी है।
योजना की विशेषताएं
अटल पेंशन योजना ने व्यापक जन-समूह को आकर्षित किया है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जो पहले किसी भी पेंशन योजना का हिस्सा नहीं थे। 18 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति, मासिक न्यूनतम ₹210 का निवेश करके, वृद्धावस्था में ₹1000 से ₹5000 तक की मासिक और सालाना 60,000 रूपये पेंशन की गारंटी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ के रूप में आधार कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य हैं।
आयकर लाभ
इस योजना में निवेश पर आयकर अधिनियम के सेक्शन 80CCD (1b) के तहत कर में छूट का लाभ भी प्रदान किया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
प्रभाव और पहुंच
अटल पेंशन योजना में अब तक करीब 6.90 करोड़ लोगों ने अटल पेंशन योजना (APY) के तहत सदस्यता ली है। इस योजना के तहत बढ़ते हुए सब्सक्राइबर्स की संख्या ने इसे सफलतापूर्वक लोकप्रिय बना दिया है, जिसमें सबसे ज्यादा खाते भारतीय स्टेट बैंक द्वारा खोले गए हैं।
निष्कर्ष
अटल पेंशन योजना ने एक ऐसी आधारशिला रखी है जो भारतीय समाज के हर वर्ग के लिए वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देती है। इसकी सरलता और सुलभता ने इसे एक अभूतपूर्व सफलता प्रदान की है। वृद्धावस्था में सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए यह योजना एक विश्वसनीय माध्यम बन चुकी है।