
जब आपकी मासिक सैलरी ₹50,000 होती है, तो उसमें से एक निश्चित हिस्सा EPF-Employees’ Provident Fund और EPS-Employees’ Pension Scheme में जमा किया जाता है। यह एक अनिवार्य योगदान होता है जो आपके रिटायरमेंट फंड को सुरक्षित बनाता है। EPF न केवल बचत की आदत को बढ़ावा देता है, बल्कि टैक्स बचत और ब्याज लाभ भी देता है। ₹50,000 सैलरी पर PF कटौती का गणित बेहद स्पष्ट होता है और इसकी समझ हर सैलरी पाने वाले व्यक्ति के लिए जरूरी है।
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कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान
सरकार के नियमानुसार, कर्मचारी की ओर से कुल सैलरी का 12% PF खाते में जाता है। ₹50,000 सैलरी पर यह राशि ₹6,000 होती है। वहीं नियोक्ता भी समान राशि का योगदान करता है, लेकिन यह दो हिस्सों में बंटता है—EPS में 8.33% और EPF में 3.67%। चूंकि EPS का योगदान अधिकतम ₹15,000 तक सीमित होता है, इसलिए ₹15,000 का 8.33% यानी ₹1,250 EPS में जाता है। शेष ₹4,750 EPF खाते में जुड़ता है। इस तरह कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का कुल योगदान ₹12,000 होता है।
EPF में मिलने वाला ब्याज और कर छूट
EPF में जमा की गई राशि पर हर साल सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज मिलता है, जो वर्तमान में लगभग 8.25% है। यह ब्याज टैक्स-फ्री होता है यदि आप 5 वर्षों तक इस खाते को बिना निकासी जारी रखते हैं। साथ ही, धारा 80C के तहत आप अपने योगदान पर टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है।
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EPS: आपके रिटायरमेंट के लिए स्थिर आय का स्रोत
EPS योजना में नियोक्ता द्वारा दिए गए योगदान से आपका पेंशन फंड बनता है। सेवानिवृत्ति के बाद इस फंड से आपको मासिक पेंशन मिलती है। हालांकि EPS में अधिकतम योगदान ₹1,250 प्रति माह तक सीमित होता है, लेकिन यह रिटायरमेंट के बाद नियमित आय के रूप में बेहद सहायक होता है। EPS विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय तक एक ही संगठन में कार्यरत रहते हैं।
PF निकालने और ट्रांसफर की प्रक्रिया
यदि आप नौकरी बदलते हैं, तो आपका PF खाता एक संस्था से दूसरी संस्था में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके लिए UAN-Universal Account Number का इस्तेमाल होता है। PF निकासी की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है और EPFO की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से इसे सरलता से किया जा सकता है। यदि आपने 5 वर्षों से अधिक योगदान दिया है, तो निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता।
PF कटौती का दीर्घकालिक प्रभाव
हर महीने ₹6,000 का योगदान आपको कम प्रतीत हो सकता है, लेकिन यही राशि लंबे समय में ब्याज सहित लाखों रुपये का कोष बना सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आप 20 वर्षों तक नियमित PF योगदान करते हैं और ब्याज दर 8% मानें, तो यह राशि करोड़ों में बदल सकती है। यह फंड न केवल आपके रिटायरमेंट को सुरक्षित बनाता है बल्कि किसी भी आपात स्थिति में आर्थिक सहारा भी बनता है।
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