5 साल की नौकरी पर कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी? जान लीजिए रकम का फॉर्मूला नहीं तो रह जाएंगे चौंक गए

अगर आपने किसी कंपनी में लगातार 5 साल काम किया है तो आप ग्रेच्युटी पाने के हकदार हैं। इस लेख में जानें ग्रेच्युटी की पूरी प्रक्रिया, पात्रता के नियम, और इसका सही हिसाब जिससे आप एक भी पैसा न गंवाएं।

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Written by Rohit Kumar

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5 साल की नौकरी पर कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी? जानें फॉर्मूला!

5 साल की नौकरी पूरी करने के बाद ग्रेच्युटी (Gratuity) एक ऐसा वित्तीय लाभ है, जो कर्मचारी को उसकी लंबी सेवा के बदले दिया जाता है। यह न सिर्फ कर्मचारी की वित्तीय सुरक्षा को मजबूती देता है बल्कि यह उसके भविष्य की योजनाओं में सहायक भी होता है। भारत में ‘Payment of Gratuity Act, 1972’ के तहत यह लाभ मिलता है, जो 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों पर लागू होता है। पात्रता के लिए कम से कम 5 साल की निरंतर सेवा अनिवार्य है। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कर्मचारी की मृत्यु या स्थायी विकलांगता, यह शर्त लागू नहीं होती।

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ग्रेच्युटी कैसे और कितनी मिलती है?

ग्रेच्युटी की गणना में कर्मचारी के अंतिम ड्रॉ किए गए मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) की भूमिका अहम होती है। यदि आपका नियोक्ता Gratuity Act के अंतर्गत आता है तो इसकी गणना (Basic + DA) × 15 × कार्य के वर्षों की संख्या ÷ 26 के फॉर्मूले से की जाती है। वहीं, अगर नियोक्ता अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता, तो गणना (Basic + DA) × 15 × वर्षों की संख्या ÷ 30 से होती है। यह अंतर इस बात पर निर्भर करता है कि आपके नियोक्ता की श्रेणी क्या है।

उदाहरण के तौर पर, यदि आपका अंतिम वेतन ₹30,000 है और आपने 5 साल की सेवा पूरी की है, तो अधिनियम के तहत आपकी ग्रेच्युटी ₹86,538 होगी, जबकि गैर-अधिनियम नियोक्ता के तहत यह ₹75,000 होगी।

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ग्रेच्युटी भुगतान की प्रक्रिया और समयसीमा

सेवा समाप्ति के बाद ग्रेच्युटी के लिए आवेदन करना जरूरी होता है। कर्मचारी को फॉर्म I भरकर नियोक्ता को देना होता है। नियोक्ता को यह भुगतान 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य है। यदि किसी कारणवश नियोक्ता भुगतान में देरी करता है, तो उसे संबंधित राशि पर ब्याज सहित भुगतान करना होता है। इस प्रक्रिया की निगरानी श्रम विभाग करता है, और जरूरत पड़ने पर आप वहां शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।

ग्रेच्युटी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जो जानना जरूरी है

ग्रेच्युटी का भुगतान पूरी तरह से टैक्स फ्री नहीं होता, लेकिन Income Tax Act की धारा 10(10) के तहत कुछ हद तक छूट मिलती है। वर्तमान समय में अधिकतम टैक्स फ्री ग्रेच्युटी राशि ₹20 लाख है। यदि आप किसी निजी कंपनी में कार्यरत हैं और आपको पहले ही ग्रेच्युटी मिली है, तो अगली बार प्राप्त होने वाली राशि इस सीमा के भीतर ही कर मुक्त होगी।

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एक और अहम बात यह है कि यदि आपकी सेवा 5 साल से थोड़ी कम है, जैसे 4 साल 8 महीने, तो भी कुछ कानूनी मामलों में इसे 5 साल मान लिया गया है, बशर्ते आपकी सेवा निरंतर रही हो और आपने न्यूनतम 240 दिन प्रति वर्ष काम किया हो।

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