सरकारी कर्मचारियों को मिलती है लाखों की ग्रेच्युटी! जानें कैसे होती है कैलकुलेशन और आपको कितनी मिल सकती है रकम

ग्रेच्युटी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अहम सेवानिवृत्ति लाभ है, जो उनकी अंतिम वेतन और सेवा अवधि के आधार पर निर्धारित होती है। इस लेख में हमने ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन, पात्रता और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की है, ताकि आप जान सकें कि आपकी ग्रेच्युटी कितनी हो सकती है और क्या इसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें हैं।

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Written by Rohit Kumar

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अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपको सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी के बारे में जरूर जानना चाहिए। यह एक अहम लाभ है जो आपको सरकारी सेवा में अपने योगदान के लिए प्राप्त होता है। ग्रेच्युटी की राशि कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे आपकी सेवा अवधि, अंतिम वेतन और लागू नियम। सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की गणना एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत की जाती है, जो कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के समय एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता बनती है। इस लेख में हम ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन, पात्रता और संबंधित अन्य विवरणों पर बात करेंगे, ताकि आप जान सकें कि आपको कितनी ग्रेच्युटी मिल सकती है।

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ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन कैसे होती है?

ग्रेच्युटी की राशि का निर्धारण एक सरल फॉर्मूले से किया जाता है:

ग्रेच्युटी = (अंतिम वेतन × 15 × सेवा वर्ष) ÷ 26

यहां “अंतिम वेतन” में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) शामिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹70,000 है और उसने 10 वर्षों तक सेवा दी है, तो उसकी ग्रेच्युटी होगी:

(70,000 × 15 × 10) ÷ 26 = ₹4,04,615.38

यह राशि एक उदाहरण है, और ध्यान रखें कि अधिकतम ग्रेच्युटी की सीमा ₹25 लाख है। यदि गणना से अधिक राशि निकलती है, तो भी कर्मचारी को ₹25 लाख से अधिक नहीं मिलेगा।

ग्रेच्युटी के विभिन्न प्रकार

सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:

  1. सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी: यह ग्रेच्युटी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर दी जाती है, और इसके लिए कम से कम 5 वर्षों की सेवा अनिवार्य है।
  2. मृत्यु या विकलांगता पर ग्रेच्युटी: यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता के कारण सेवा समाप्त होती है, तो उसे ग्रेच्युटी मिलती है, भले ही उसने 5 वर्षों की सेवा पूरी न की हो।

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ग्रेच्युटी पर टैक्स

भारत सरकार के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹25 लाख तक टैक्स-फ्री है। अगर किसी कर्मचारी को ₹25 लाख से अधिक की ग्रेच्युटी मिलती है, तो उस पर टैक्स लागू होगा। इसके अलावा, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की टैक्स-फ्री सीमा ₹20 लाख तक है।

ग्रेच्युटी के लिए पात्रता

ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 5 वर्षों की सेवा करनी होती है। हालांकि, मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में यह नियम लागू नहीं होता, और कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिल सकती है, चाहे उसने 5 वर्षों की सेवा पूरी की हो या नहीं। इस नियम का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके समर्पण और सेवा के लिए उचित सम्मान देना है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और ग्रेच्युटी

भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने की योजना है। इस योजना के तहत, पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान अधिक सुव्यवस्थित तरीके से किया जाएगा। UPS में पुराने और नए पेंशन के लाभों को एक साथ लाया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिलेगा।

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