
सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ समाचार चैनलों पर यह खबर तेजी से वायरल हुई कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। इन खबरों के साथ यह भी दावा किया गया कि केंद्र कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और अब सभी केंद्रीय कर्मचारी 65 वर्ष तक नौकरी कर सकेंगे। हालांकि, इन दावों को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं थी जिससे लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
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केंद्र सरकार का बयान
इन खबरों के जवाब में सरकार की ओर से स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने आई। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के पास फिलहाल रिटायरमेंट एज बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से जो पद रिक्त होते हैं, उन्हें भरने या समाप्त करने की दिशा में भी कोई नीति फिलहाल नहीं बनाई गई है। यानी केंद्र स्तर पर सेवानिवृत्ति आयु में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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कुछ राज्य सरकारों में बदलाव पर विचार
जहां केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति उम्र में कोई बदलाव नहीं किया है, वहीं कुछ राज्य सरकारें इस दिशा में विचार कर रही हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने संकेत दिए हैं कि वे राज्य कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट एज को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि इन फैसलों को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है, लेकिन यह विषय राज्य स्तर पर गंभीर विमर्श का हिस्सा बना हुआ है।
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आधिकारिक स्रोतों पर रखें भरोसा
सोशल मीडिया की तेज़ रफ्तार खबरों के बीच सही और आधिकारिक जानकारी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। सेवानिवृत्ति उम्र जैसे संवेदनशील विषयों पर गलत जानकारी न केवल कर्मचारियों को भ्रमित करती है, बल्कि भविष्य की योजना और मानसिक शांति पर भी प्रभाव डालती है। ऐसे में जरूरी है कि सरकारी नीतियों को लेकर जानकारी केवल आधिकारिक पोर्टल, सरकारी प्रेस रिलीज और संसद में दिए गए बयानों के माध्यम से ही ली जाए।