Government Employees: हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के पुनर्नियुक्ति के लिए नए नियम और शर्तें निर्धारित की हैं। इन नए निर्देशों के तहत, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुन: रोजगार मिलने पर अंतिम प्राप्त मूल वेतन का 50% ही देय होगा। यह आदेश राज्य के सभी सरकारी विभागों में लागू होगा और वित्त विभाग के निर्देशों के तहत इसे जारी किया गया है।
बता दें, वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार नियुक्तियों के लिए विशेष शर्तें तय की गई हैं। इसके अनुसार, इंजीनियर, डॉक्टर, और प्रशासनिक सेवाओं जैसी विशेष श्रेणियों में अंतिम बेसिक वेतन का 50% मासिक दिया जाएगा। वहीं, अन्य श्रेणियों में यह 40% होगा। पुनर्नियुक्ति की अवधि एक वर्ष के लिए होगी, जिसे सरकार द्वारा बढ़ाया जा सकता है। वहीं पुनर्नियुक्ति से पहले वित्त विभाग की मंजूरी आवश्यक होगी।
पुनर्नियुक्ति पर वेतनमान
नई नीति के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों के लिए निम्नलिखित वेतनमान निर्धारित किए गए हैं:
- चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी (मल्टी टास्क वर्कर): अंतिम बेसिक का 40% मासिक वेतन।
- तृतीय श्रेणी के कर्मचारी (कार्यालय सहायक): अंतिम बेसिक का 40% मासिक वेतन।
- द्वितीय एवं प्रथम श्रेणी के कर्मचारी (वर्क सुपरवाइजर): अंतिम बेसिक का 40% मासिक वेतन।
- विशेष श्रेणियों के कर्मचारी (इंजीनियर, डॉक्टर, प्रशासनिक सेवा, सचिवालय स्टाफ): अंतिम बेसिक का 50% मासिक वेतन।
अन्य शर्तें और नियम
- DA और चिकित्सा सुविधा नहीं मिलेगी: पुनर्नियुक्त कर्मियों को DA (महंगाई भत्ता) और चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा।
- वित्त विभाग की मंजूरी आवश्यक: पुनर्नियुक्ति से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी।
- अन्य सुविधाएं: पुनर्नियुक्ति पर कर्मियों को टीए (यात्रा भत्ता), डीए (महंगाई भत्ता) और छुट्टी जैसे अन्य सुविधाएं आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदंडों के अनुसार दी जाएंगी।
- पुनर्नियुक्ति की अवधि: पुनर्नियुक्ति का कार्यकाल 1 वर्ष तक होगा और आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है। यदि सेवाओं की आवश्यकता नहीं होती है, तो सरकार अनुबंध समाप्त कर सकती है।
- खाली पदों पर नियुक्ति: सेवानिवृत्त कर्मियों को उन पदों पर नियुक्त किया जाएगा जहां नियमित रिक्तियां उपलब्ध नहीं हैं।
पुनर्नियुक्ति के उद्देश्य
नए नियमों का उद्देश्य सरकारी विभागों में विशेष पदों पर विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाना है, जहां नियमित कर्मचारियों की कमी है। यह पहल सेवानिवृत्त कर्मियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही सरकार को उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ लेने की अनुमति देगी।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश सरकार के इन नए नियमों से सेवानिवृत्त कर्मियों को पुनर्नियुक्ति के दौरान मिलने वाले लाभों में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी होगा, बल्कि सरकारी विभागों में आवश्यक विशेषज्ञता और अनुभव की भी पूर्ति करेगा।
मै मध्य-प्रदेश सरकार मै पटवारी के पद पर कार्यरत हूँ।
और मेरी सेवा एक वर्ष और छ: माह की शेष है। मुझे परिवार के साथ रहना है, इसलिए मैने अब स्वैच्छिक सेवा निवृति(VRS)लेने का मन बना लिया है ।
मेरे परिवार मै मेरी पत्नि श्रीमती यशोदा और और बड़ा पुत्र मय्यूर उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के पर्यटन गाँव बगड़ा धोरन के सहस्रधारा मै निवास करते है।
मैने देखा है, दुनिया का सबसे सुंदर प्रदेश हिमाचल विगत वर्षो से कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं झेल रहा है। इसलिए मै हिमाचल प्रदेश मै, संविदा या अल्प वेतन पर नौकरी करने को तैयार हूँ। शेष महत्वपूर्ण बाते मिलने पर।
आपका धन्यवाद