
EPFO News: एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने अपने सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ा और राहत भरा ऐलान किया है। EPFO ने अपने नियमों में संशोधन का निर्णय लिया है, जिससे ईपीएफ सदस्यों को ब्याज दरों में फायदा मिलेगा और सेटलमेंट प्रक्रिया तेज होगी। यह बदलाव 30 नवंबर 2024 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में स्वीकृत किया गया।
यह नया नियम EPF स्कीम 1952 के पैराग्राफ 60(2)(b) में संशोधन के तहत लागू किया जाएगा। हालांकि, यह संशोधन अभी लागू नहीं हुआ है। इसे सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद लागू किया जाएगा। तब तक मौजूदा नियम ही प्रभावी रहेंगे।
क्या है बदलाव?
EPFO ने घोषणा की है कि ईपीएफ स्कीम 1952 के पैराग्राफ 60(2)(b) में संशोधन किया गया है। मौजूदा नियमों के अनुसार, किसी भी EPF क्लेम सेटलमेंट पर ब्याज की गणना उस महीने के अंत तक की जाती थी, जब तक सेटलमेंट पूरा हो चुका हो।
संशोधित नियमों के तहत, अब सेटलमेंट की तारीख तक का ब्याज मिलेगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई सदस्य महीने की आखिरी तारीखों में सेटलमेंट करता है, तो उसे पूरे महीने के लिए ब्याज का लाभ मिलेगा।
ज्यादा ब्याज का फायदा होगा
मौजूदा व्यवस्था में 25 तारीख के बाद सेटलमेंट रोक दिया जाता था ताकि सदस्य ब्याज के नुकसान से बच सकें। लेकिन अब इस प्रक्रिया को पूरे महीने के लिए बढ़ाया जाएगा। इससे न केवल सदस्यों को ज्यादा ब्याज मिलेगा, बल्कि सेटलमेंट प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जा सकेगी।
बदलाव का प्रभाव और कैसे होगा फायदा?
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए किसी सदस्य के ईपीएफ खाते में कुल बैलेंस 5 लाख रुपये है और मौजूदा ब्याज दर 8.25% है। यदि यह सदस्य महीने की 23 तारीख को सेटलमेंट करता है, तो संशोधित नियम लागू होने के बाद, उसे 23 दिन का अतिरिक्त ब्याज भी मिलेगा।
पहले की व्यवस्था में सेटलमेंट पर ब्याज सिर्फ पिछले महीने के अंत तक की तारीख तक मिलता था। इस वजह से सदस्यों को संभावित ब्याज में नुकसान होता था। अब यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें उनकी जमा राशि पर सेटलमेंट की वास्तविक तारीख तक का ब्याज मिलेगा।
क्यों किया गया यह संशोधन?
EPFO का यह निर्णय सदस्य केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
- अधिक पारदर्शिता और क्षमता: EPFO ने यह बदलाव अपने ट्रांसपेरेंसी और दक्षता को बढ़ाने के लिए किया है।
- सदस्यों के हितों की रक्षा: यह निर्णय दर्शाता है कि संस्था सदस्य हितों को प्राथमिकता देती है।
- तेज सेटलमेंट प्रक्रिया: अब किसी भी महीने के दौरान सेटलमेंट प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।
मौजूदा समय में कैसे काम करता है सेटलमेंट?
वर्तमान में, EPFO हर महीने की 25 तारीख के बाद सेटलमेंट प्रक्रिया रोक देता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सदस्यों को ब्याज का नुकसान न हो। लेकिन इस प्रक्रिया में देरी से सदस्यों को लंबा इंतजार करना पड़ता था।
संशोधित नियम लागू होने के बाद, सेटलमेंट प्रक्रिया पूरे महीने के लिए खुली रहेगी। इससे सदस्यों को जल्दी भुगतान और ब्याज के अतिरिक्त लाभ दोनों मिलेंगे।
कब से लागू होगा नया नियम?
यह नया नियम तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक कि सरकार की ओर से इसे अधिसूचित (notified) नहीं किया जाता।
फिलहाल, पुराना नियम ही लागू है। EPFO ने इस बदलाव के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) से स्वीकृति ले ली है। यह उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही सरकार की ओर से इसे नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
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ईपीएफओ का उद्देश्य और विजन
EPFO का यह कदम दर्शाता है कि वह एक सक्षम और पारदर्शी संस्था के रूप में अपने सदस्यों की जरूरतों को प्राथमिकता देता है।
यह संशोधन न केवल मौजूदा सदस्यों को अधिक ब्याज प्रदान करेगा, बल्कि उनके लिए ईपीएफ सेटलमेंट प्रक्रिया को सरल और तेज बनाएगा।
सरकार से अधिसूचना का इंतजार
EPFO द्वारा नियमों में बदलाव से ईपीएफ सदस्य न केवल अतिरिक्त ब्याज का लाभ उठा पाएंगे, बल्कि सेटलमेंट प्रक्रिया में भी सुधार होगा। यह कदम संस्था के ट्रांसपेरेंट और सदस्य-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
अब यह देखना होगा कि सरकार इसे कब अधिसूचित करती है। इस बदलाव के लागू होने के बाद, ईपीएफओ के सदस्य अधिक ब्याज और तेज सेवा का लाभ उठा सकेंगे।