
EPS 95 Pension Hike को लेकर हाल के महीनों में सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक पर चर्चा जोरों पर है। कई पेंशनधारकों के मन में यह सवाल है कि क्या वाकई उनकी न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ा दिया गया है? Employees’ Pension Scheme 1995 यानी EPS-95 के अंतर्गत आने वाले लाखों पेंशनर्स के लिए यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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मौजूदा पेंशन क्या है?
वर्तमान में EPS-95 के तहत ₹1,000 की न्यूनतम मासिक पेंशन निर्धारित है, जिसे केंद्र सरकार ने 2014 में लागू किया था। हालांकि पिछले कई वर्षों से EPS पेंशनर्स द्वारा यह मांग लगातार उठाई जा रही है कि न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 प्रति माह तक बढ़ाया जाए, जिससे वृद्धावस्था में उनके जीवन यापन की स्थिति बेहतर हो सके। इस बीच सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हुई कि सरकार ने पेंशन बढ़ा दी है, लेकिन वास्तव में ऐसा अब तक नहीं हुआ है।
सरकार से पेंशनर्स की मुलाकात
2025 की शुरुआत में EPS-95 पेंशनर्स के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से औपचारिक मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने तीन मुख्य मांगें रखीं—न्यूनतम पेंशन ₹7,500 करना, महंगाई भत्ता-Dearness Allowance जोड़ना और मुफ्त चिकित्सा सुविधा। मंत्री ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार इन मांगों की समीक्षा कर रही है और उचित निर्णय लिया जाएगा।
संसदीय समिति की सिफारिशें
इसके बाद मार्च 2025 में संसद की एक स्थायी समिति ने श्रम मंत्रालय को निर्देश दिया कि EPS की समग्र समीक्षा कराई जाए और यह समीक्षा किसी स्वतंत्र संस्था द्वारा की जाए। समिति ने यह भी सिफारिश की कि EPS पेंशन की वर्तमान दरों को जरूरतमंद पेंशनर्स के हित में दोबारा परखा जाए। पैनल की यह राय इस ओर संकेत करती है कि सरकार अब पेंशन सुधार को गंभीरता से ले रही है।
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क्या बढ़ेगी पेंशन 2025 में?
इस समीक्षा रिपोर्ट को 2025 के अंत तक प्रस्तुत किया जाना है। इसका मतलब यह है कि फिलहाल किसी तरह की नई पेंशन दरें लागू नहीं हुई हैं। हालांकि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में EPS-95 पेंशनरों को राहत मिल सकती है, परंतु इस संबंध में सरकार की ओर से कोई औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
EPS स्कीम में खामियां क्या हैं?
पेंशनर्स यूनियन के मुताबिक EPS स्कीम की मूलभूत खामी यह है कि पेंशन की गणना करने का आधार पुराना है और महंगाई को ध्यान में नहीं रखा गया है। ₹1,000 जैसी न्यूनतम पेंशन वर्तमान जीवन यापन के मानकों के अनुरूप नहीं है। यही वजह है कि इस पेंशन स्कीम में सुधार की मांग अब तेज होती जा रही है।
सरकार क्या कह रही है?
दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि EPS में सुधार एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि इससे EPFO और केंद्र सरकार दोनों पर वित्तीय भार पड़ेगा। इसलिए सुधार की प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से की जा रही है और सभी हितधारकों से चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
अफवाहों से बचने की सलाह
सरकारी सूत्रों के अनुसार, EPS पेंशन वृद्धि पर अभी विचार चल रहा है लेकिन ₹7,500 की कोई सीधी घोषणा नहीं की गई है। फिलहाल EPS के पेंशनधारकों को थोड़ा इंतजार करना होगा, जब तक सरकार की ओर से कोई ठोस प्रस्ताव या बजटीय घोषणा नहीं आती। इस बीच पेंशनर्स को सावधान रहने की सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर भरोसा न करें। केवल आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी अधिसूचनाओं पर ही भरोसा करें।
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