नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े रिटायरमेंट फंड संगठन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को जल्द ही डिजिटल रूप से अपग्रेड किया जाएगा, जिससे दावों के वितरण में हो रही देरी को कम किया जा सके। श्रम सचिव सुमिता दौरा ने बताया कि मंत्रालय EPFO के डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में है और एक केंद्रीय डेटाबेस विकसित कर रहा है, जिससे भुगतान प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके। यह अपग्रेडेशन अगले 2-3 महीनों में पूरा हो जाने की उम्मीद है।
EPFO, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आता है, भारत के सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करता है। हाल ही में EPFO के दावों के वितरण में अत्यधिक देरी की खबरें सामने आई हैं, जिनमें कुछ मामलों में वर्षों तक का समय लग गया है। इस संदर्भ में दौरा ने कहा, “EPFO की IT प्रणाली को अपग्रेड करने की आवश्यकता है और वे इसे पूरा करने की प्रक्रिया में हैं। उनकी IT प्रणाली को देश के सर्वोत्तम वित्तीय संस्थानों के साथ तुलनीय होना चाहिए।”
यह बयान उस समय आया है जब हाल ही में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री संजीव सान्याल द्वारा EPFO की प्रणाली में ओवरहाल की आवश्यकता पर लिखे गए एक लेख के बाद EPFO के ग्राहकों द्वारा धन निकालने या दावा करने में हो रही कठिनाइयों को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं।
सरकार अब इस दिशा में आक्रामक प्रयास कर रही है कि EPFO का डिजिटल प्लेटफॉर्म उच्चतम मानकों के अनुरूप हो, जिससे दावों के निपटान में होने वाली देरी को न्यूनतम किया जा सके। इस प्रयास का उद्देश्य EPFO को देश के सर्वोत्तम वित्तीय संस्थानों के बराबर लाना है, ताकि ग्राहकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
EPFO के डिजिटल प्लेटफॉर्म में यह सुधार ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने दावों के निपटान में असाधारण देरी का सामना किया है। जैसे ही यह अपग्रेडेशन पूरा होगा, EPFO की सेवाओं की गति और विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल सकता है, जिससे देशभर के लाखों कर्मचारी लाभान्वित होंगे।