EPFO Pension: EPS (Employees’ Pension Scheme) पेंशन योजना भारत में कामकाजी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्कीम है, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) द्वारा चलाई जाती है और इसके तहत कर्मचारी अपनी सेवा के बाद नियमित पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि 58 वर्ष की आयु के बाद भी यदि कोई कर्मचारी काम करता है, तो वह पेंशन का लाभ उठा सकता है।
EPS पेंशन क्या है?
EPS पेंशन एक ऐसी योजना है, जिसमें सभी संगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होते हैं। इसके अंतर्गत कर्मचारी अपनी नौकरी पूरी करने के बाद पेंशन के हकदार होते हैं। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो अपने भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं।
नौकरी के साथ पेंशन का लाभ
इस योजना के अंतर्गत यदि आप 58 साल की उम्र के बाद भी नौकरी कर रहे हैं, तो आपको पेंशन का लाभ मिलता रहेगा। इसका मतलब है कि आप काम करते हुए भी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति और भी सुदृढ़ हो जाएगी।
पेंशन प्राप्त करने के लिए शर्तें
- नौकरी की अवधि: पेंशन का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करनी होती है। यह एक प्रमुख शर्त है।
- उम्र की शर्त: यदि कर्मचारी की उम्र 50 साल से अधिक है और उसने 10 साल की नौकरी पूरी कर ली है, तो वह पेंशन के लिए योग्य होता है।
- 50 साल से कम उम्र वालों के लिए: यदि कर्मचारी की उम्र 50 साल से कम है, तो वह पेंशन का दावा नहीं कर सकता। इस स्थिति में, कर्मचारी केवल EPF में जमा राशि निकाल सकता है।
अर्ली पेंशन का प्रावधान
यदि आपने कम से कम दस वर्षों तक सेवाएं दी हैं और आपकी उम्र 50 से 58 वर्ष के मध्य है, तो आप समयपूर्व पेंशन योजना के लिए पात्र हैं। इस विकल्प को चुनने पर, आपकी पेंशन राशि में प्रत्येक वर्ष के लिए 4% की कमी आएगी, जिससे पेंशन की कुल राशि कम हो जाती है।
उदाहरण:
मान लीजिए, आप 55 वर्ष के हैं और आपने नौकरी के 10 साल पूरे कर लिए हैं। इस स्थिति में आपको अपनी पूरी पेंशन राशि का 88% मिलेगा, क्योंकि हर वर्ष 4% की दर से कमी लागू होती है।
विकलांगता पेंशन
EPS 95 योजना में विकलांगता पेंशन का विकल्प भी शामिल है। यह पेंशन उन कर्मचारियों को दी जाती है जो नौकरी के दौरान स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं। इस पेंशन के लिए, कर्मचारी को निर्धारित नौकरी की अवधि पूरी करने की आवश्यकता नहीं होती है; यहां तक कि केवल 2 वर्ष की सेवा भी इस पेंशन के लिए पर्याप्त है।