EPFO पेंशन में आया बड़ा बदलाव! अब इतने साल नौकरी पर मिलेगी लाइफटाइम पक्की पेंशन – जल्दी जान लें नियम

EPS-95 योजना EPFO द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण पेंशन योजना है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन देती है। पेंशन का लाभ पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा जरूरी है। यदि UAN नंबर एक ही बना रहे, तो अलग-अलग संस्थानों में की गई सेवा को जोड़कर भी लाभ लिया जा सकता है। सही जानकारी और नियमित जांच से पेंशन प्राप्ति में कोई अड़चन नहीं आती।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO पेंशन में आया बड़ा बदलाव! अब इतने साल नौकरी पर मिलेगी लाइफटाइम पक्की पेंशन – जल्दी जान लें नियम
EPFO New Update

EPFO New Update एक बार फिर कर्मचारियों के लिए चर्चा में है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और अपनी मासिक आय का हिस्सा Provident Fund (पीएफ) के रूप में बचाते हैं। EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की EPS-95 योजना एक ऐसी सामाजिक सुरक्षा स्कीम है, जो रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन की गारंटी देती है। हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ अहम नियमों का पालन आवश्यक है, खासकर सेवा की अवधि और UAN नंबर की भूमिका को समझना जरूरी है।

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EPS-95 योजना का उद्देश्य और पात्रता

EPS यानी Employee Pension Scheme वर्ष 1995 में EPFO द्वारा शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान करना है। EPS-95 के तहत पेंशन पाने की सबसे पहली और अहम शर्त यह है कि कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की निरंतर या कुल सेवा की हो।

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हालांकि, यदि किसी कर्मचारी की सेवा अवधि 9 साल 6 महीने रही है, तो उसे 10 साल की सेवा मान लिया जाता है और वह पेंशन के लिए पात्र हो जाता है। वहीं, 9 साल से कम सेवा पर कर्मचारी को पेंशन का अधिकार नहीं मिलता, लेकिन वह अपने पीएफ खाते की संपूर्ण राशि रिटायरमेंट से पहले निकाल सकता है।

PF और EPS में योगदान की प्रक्रिया

प्राइवेट सेक्टर में हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) का 12% हिस्सा हर माह पीएफ खाते में जमा होता है। इस राशि का 12% हिस्सा कर्मचारी द्वारा जमा किया जाता है, जो पूरी तरह EPF में जाता है। वहीं, नियोक्ता द्वारा जमा किए गए 12% का बंटवारा होता है—8.33% EPS में और 3.67% EPF में जमा होता है।

यह योगदान हर महीने किया जाता है और इससे धीरे-धीरे एक मजबूत पेंशन फंड तैयार होता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी नियमित रूप से अपने पीएफ खाते की जांच करता रहे, ताकि कोई त्रुटि न हो और सेवाकाल की सही गिनती हो सके।

कम सेवा अवधि के बावजूद कैसे मिलेगा EPS का लाभ

एक सामान्य सवाल यह उठता है कि क्या अगर कोई कर्मचारी दो अलग-अलग कंपनियों में 5-5 साल की नौकरी करता है, तो क्या उसे EPS का लाभ मिलेगा? EPFO के नियमों के अनुसार, यदि कर्मचारी का UAN (Universal Account Number) एक ही रहा है और बीच में 2 साल तक का ब्रेक रहा है, तब भी उसे यह लाभ मिल सकता है।

इस स्थिति में दोनों नौकरियों के बीच की सेवा अवधि को जोड़कर कुल सेवा काल को 10 साल माना जाता है, बशर्ते UAN नंबर वही बना रहे। यदि कर्मचारी ने नई नौकरी में नया UAN नंबर नहीं बनवाया और पुराना नंबर जारी रखा है, तो उसके सभी पीएफ खाते आपस में लिंक रहते हैं और सेवा अवधि को जोड़ा जा सकता है।

UAN नंबर की भूमिका और उसका महत्व

UAN यानी Universal Account Number एक 12 अंकों का स्थायी पहचान नंबर होता है, जो कर्मचारी को EPFO द्वारा एक बार ही जारी किया जाता है। यह नंबर जीवन भर के लिए मान्य रहता है, चाहे कर्मचारी कितनी भी बार नौकरी बदले।

UAN की मदद से कर्मचारी अपने सभी PF खातों को एक प्लेटफॉर्म पर देख सकता है, ट्रांसफर कर सकता है, बैलेंस चेक कर सकता है और पुराने खातों से पैसे निकाल सकता है। यह सुविधा इसलिए जरूरी है ताकि सेवा अवधि और योगदान की जानकारी किसी भी समय सटीक रूप से उपलब्ध रहे और EPS-95 के अंतर्गत पेंशन के लिए दावे में कोई बाधा न आए।

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