
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की उच्च पेंशन स्कीम से जुड़ा मामला हाल ही में चर्चा में है, खासकर उच्चतम न्यायालय (SC) द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद। कोर्ट के आदेश ने EPFO को कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन विकल्प को स्वीकार करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कई वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनधारियों के लिए इस आदेश के बावजूद उम्मीदें धुंधली होती जा रही हैं। आखिर क्यों, आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
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SC के आदेश और EPFO का निर्णय
नवंबर 2022 में उच्चतम न्यायालय ने EPFO को निर्देश दिया था कि वह कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन विकल्प को स्वीकार करे, जो 2014 से पहले कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का हिस्सा थे। इसके तहत, कर्मचारियों और नियोक्ताओं को पेंशन बढ़ाने के लिए विकल्प उपलब्ध कराए गए थे। इसके बावजूद, कई कर्मचारी अभी भी इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि कई प्रौद्योगिकीय और प्रशासनिक चुनौतियां सामने आ रही हैं।
आवेदन प्रक्रिया और समयसीमा
EPFO ने आवेदन प्रक्रिया के लिए समय सीमा निर्धारित की थी। कर्मचारियों को अपने पेंशन विकल्प का चुनाव करने के लिए जुलाई 2023 तक समय दिया गया था, और कुल 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ देरी हो रही है। नियोक्ताओं को वेतन विवरण अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया गया था, जो अब 31 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि, अभी भी 3.1 लाख आवेदन लंबित हैं।
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पेंशन का निर्धारण और विलंब
वर्तमान में, कई वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीदें पेंशन निर्धारण में विलंब के कारण प्रभावित हो रही हैं। इन लंबित मामलों का समाधान न होने से पेंशनधारी अपना मासिक लाभ समय पर प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। EPFO ने नियोक्ताओं से इन लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने की अपील की है ताकि पेंशनधारियों को सही समय पर पेंशन मिल सके।
नियोक्ता की जिम्मेदारी और कर्मचारी का अधिकार
EPFO ने नियोक्ताओं से अपील की है कि वे पेंशन निर्धारण के लिए आवश्यक सभी कागजात और विवरण सही समय पर अपलोड करें। यदि नियोक्ता समय पर दस्तावेज़ अपलोड नहीं करते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप पेंशनधारी को समय पर लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में कर्मचारियों को नियोक्ताओं से पेंशन के हक में सहयोग प्राप्त करने की आवश्यकता है।
क्या आगे क्या उम्मीदें हैं?
EPFO की योजना के तहत पेंशनधारियों को उच्च पेंशन प्राप्त करने की उम्मीद बनी हुई है, लेकिन कुछ अड़चनों और देरी के कारण वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीदों पर असर पड़ा है। अगर नियोक्ता और कर्मचारी दोनों मिलकर इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करें, तो पेंशनधारियों को समय पर लाभ मिल सकता है।
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