सेवानिवृत्ति निधि निकाय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 17.49 लाख सदस्यों ने नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए आवेदन किया है। सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि ये आवेदन EPFO द्वारा प्रदान की गई ऑनलाइन सुविधा के जरिए किए गए हैं, जहां कर्मचारियों ने अपने वास्तविक (उच्चतर) मूल वेतन पर योगदान करने का विकल्प चुना।
पेंशन योजना का मौजूदा ढांचा
वर्तमान में, कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत कर्मचारी 15,000 रुपये प्रति माह की सीमा पर योगदान करते हैं, भले ही उनका वास्तविक मूल वेतन इससे अधिक हो। यह योजना 1995 में पेश की गई थी और इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। EPFO के तहत आने वाली इस योजना में 58 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी दी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय
4 नवंबर 2022 को, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए मौजूदा कर्मचारियों को उनके उच्च पेंशन के अधिकार को सुनिश्चित किया। यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया जो अपने वास्तविक मूल वेतन पर पेंशन का लाभ चाहते थे। श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए EPFO ने एक ऑनलाइन सुविधा शुरू की, जिसमें विकल्प या संयुक्त विकल्प के सत्यापन के लिए लाखों आवेदन दाखिल किए गए।
कर्मचारियों के लिए बड़ा अवसर
यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अवसर है जो संगठित क्षेत्र में काम करते हुए उच्च पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं। यह पहल न केवल कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि उन्हें उनके योगदान के अनुरूप लाभ सुनिश्चित करने का भरोसा भी देती है।