EPFO उच्च वेतन पेंशन में देरी पर मुख्यालय की सख्ती! जल्द मिलेगा पेंशनभोगियों को तोहफा

पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर! सुप्रीम कोर्ट की समयसीमा के मद्देनज़र EPFO ने जारी किए सख्त निर्देश, देरी रोकने के लिए नई रणनीति और 'प्रो-रेटा' फॉर्मूला। जानिए, आपका मामला कब तक होगा निपटा?

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Written by Rohit Kumar

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EPFO उच्च वेतन पेंशन में देरी पर मुख्यालय की सख्ती! जल्द मिलेगा पेंशनभोगियों को तोहफा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में अपने फील्ड ऑफिसों को उच्च वेतन पर पेंशन मामलों के निपटारे में हो रही देरी को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समयसीमा का पालन सुनिश्चित करने और पेंशनभोगियों को समय पर राहत प्रदान करने के लिए उठाया गया है। केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) रमेश कृष्णमूर्ति ने एक पत्र के माध्यम से इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और फील्ड ऑफिसों से इसे प्राथमिकता में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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देरी के मुख्य कारण और नए निर्देश

EPFO मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि, तमाम सर्कुलर और निर्देशों के बावजूद, उच्च वेतन पर पेंशन के आवेदनों का निपटारा अपेक्षित गति से नहीं हो रहा है। देरी के प्रमुख कारणों में इस कार्य को प्राथमिकता न देना और आवेदनों की जटिलताओं का समय पर समाधान न करना शामिल हैं।

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मुख्यालय ने नए निर्देश जारी किए हैं:

  • 5,000 से कम आवेदनों वाले कार्यालयों के लिए अंतिम समयसीमा 25 जनवरी, 2025 तय की गई है।
  • अन्य सभी कार्यालयों को 7 फरवरी, 2025 तक आवेदनों का निपटारा करना होगा।
  • स्पष्ट मामलों के पेंशन भुगतान आदेश (PPO) को 24 जनवरी, 2025 तक निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।

श्रम मंत्रालय का हस्तक्षेप और प्रगति की समीक्षा

उच्च वेतन पर पेंशन मामलों की प्रगति की समीक्षा श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा नियमित रूप से की जा रही है।

  • हाल ही में, लंबित 1 लाख से अधिक आवेदनों की समीक्षा की गई, जिसमें 21,000 डिमांड लेटर्स जारी किए गए।
  • मंत्रालय के अनुसार, मामलों के निपटारे में 58,000 की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • श्रम मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि मामलों में तेजी लाने के लिए नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित की जाए और संयुक्त विकल्पों के सबमिशन में सुधार किया जाए। इसके लिए अंतिम तारीख 31 जनवरी, 2025 तय की गई है।

‘प्रो-रेटा’ गणना, उच्च वेतन पर पेंशन का आधार

EPFO ने उच्च वेतन पर पेंशन की गणना के लिए ‘प्रो-रेटा’ फॉर्मूले को अपनाया है। यह फॉर्मूला EPS, 1995 के अनुसार सभी पेंशनभोगियों के साथ समान व्यवहार करता है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा मान्यता प्राप्त है।

गणना का तरीका इस प्रकार है:

  • 1 सितंबर, 2014 से पहले की सेवा:
    • पेंशन योग्य वेतन:
      • या तो सेवा छोड़ने से पहले का उच्चतम मासिक वेतन,
      • या सेवा छोड़ने से पहले के 60 महीनों का औसत वेतन, जो भी कम हो।
  • 1 सितंबर, 2014 के बाद की सेवा:
    • पेंशन योग्य वेतन:
      • या तो उक्त तिथि के बाद का उच्चतम मासिक वेतन,
      • या सेवा छोड़ने से पहले के 60 महीनों का औसत वेतन, जो भी कम हो।

आगे की रणनीति और प्राथमिकताएं

EPFO ने स्पष्ट किया है कि उच्च वेतन पर पेंशन मामलों को निपटाने के लिए सख्त समयसीमाएं तय की गई हैं। फील्ड ऑफिसों को UAN सक्रियण और पेंशन मामलों को उच्च प्राथमिकता देने के लिए निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, क्षेत्रीय आयुक्तों और जोनल कमिश्नरों को अनावश्यक मुद्दों को तुरंत हल करने और आवेदकों को राहत प्रदान करने पर जोर दिया गया है।

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