
भारतीय कर्मचारियों के लिए Employees’ Provident Fund (EPF) एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा कवच है। यह न केवल भविष्य में एक सुरक्षित जीवन सुनिश्चित करने में मदद करता है, बल्कि साथ ही यदि योजना के तहत पेंशन की बात करें तो यह एक स्थिर आय का भी स्रोत बन सकता है। बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि EPF से 60 साल बाद कितनी पेंशन मिलेगी, और यह उनके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है।
इस लेख में हम आपको यही जानकारी देंगे, ताकि आप बेहतर ढंग से समझ सकें कि यह आपके लिए किस हद तक फायदेमंद हो सकता है और इसका लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
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EPF और पेंशन योजना
EPF के तहत योगदान करने वाले कर्मचारी Employees’ Pension Scheme (EPS-95) में भी शामिल होते हैं। यह योजना कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद एक नियमित पेंशन प्रदान करती है। 60 वर्ष की आयु तक पहुँचने के बाद, जब आप पेंशन लेने के लिए पात्र होते हैं, तो आपको कुछ शर्तों के आधार पर पेंशन मिलती है। पेंशन की राशि का निर्धारण आपकी पेंशन योग्य सेवा और पेंशन योग्य वेतन पर आधारित होता है। पेंशन का उद्देश्य जीवन के अंतिम वर्षों में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि कर्मचारियों को बिना किसी वित्तीय चिंता के आरामदायक जीवन जीने में मदद मिल सके।
पेंशन की गणना कैसे होती है?
EPS-95 के तहत पेंशन की राशि की गणना का तरीका बड़ा सरल है, और यह दो मुख्य फैक्टर पर निर्भर करता है: पेंशन योग्य वेतन और पेंशन योग्य सेवा। पेंशन की राशि का अनुमान इस सूत्र के द्वारा किया जाता है:
पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा वर्ष) ÷ 70
यहाँ पेंशन योग्य वेतन का मतलब वह औसत मासिक वेतन है जो कर्मचारी ने अपने अंतिम 60 महीनों में प्राप्त किया है। पेंशन योग्य सेवा वह अवधि है जब कर्मचारी ने EPS में योगदान किया है। इस गणना के द्वारा आपकी पेंशन की राशि निर्धारित होती है, जो आपके भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद करती है।
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60 वर्ष के बाद पेंशन में क्या लाभ होता है?
60 वर्ष की आयु में पेंशन प्राप्त करने के बाद आपको कुछ महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं। इनमें से एक प्रमुख लाभ यह है कि यदि आप 58 वर्ष की बजाय 60 वर्ष में पेंशन प्राप्त करना शुरू करते हैं, तो आपको प्रत्येक वर्ष के लिए 4% अतिरिक्त पेंशन मिलती है। इसका मतलब है कि 60 वर्ष में पेंशन शुरू करने पर आपकी पेंशन में वृद्धि होती है, जो आपको अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। यह 4% का लाभ एक अहम बदलाव हो सकता है, खासकर यदि आपने लंबे समय तक EPF में योगदान किया है और आपकी सेवा अवधि भी बड़ी है।
2025 से पेंशन में वृद्धि
भारत सरकार ने मई 2025 से EPS-95 पेंशन योजना में कई सुधार किए हैं। इसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि सभी पात्र पेंशनरों को अब न्यूनतम ₹7,500 प्रति माह पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही महंगाई भत्ते (DA) को भी पेंशन में जोड़ा गया है, जिससे पेंशन को महंगाई के हिसाब से समायोजित किया जा सके। इसका मतलब है कि हर वर्ष जब महंगाई बढ़ेगी, तो आपकी पेंशन राशि भी बढ़ जाएगी, जो पेंशनरों को वित्तीय राहत देगी।
पेंशन की राशि का अनुमान कैसे करें?
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी पेंशन राशि कितनी होगी, तो इसका अनुमान इस तरह से किया जा सकता है:
मान लीजिए कि आपका औसत वेतन ₹15,000 प्रति माह है और आपने 30 वर्षों तक EPF में योगदान किया है। तब आपकी पेंशन की राशि इस प्रकार होगी:
पेंशन = (₹15,000 × 30) ÷ 70 = ₹6,428.57 प्रति माह
यह आंकड़ा केवल एक उदाहरण है और आपकी पेंशन राशि अलग हो सकती है, क्योंकि यह आपके वेतन और सेवा अवधि पर निर्भर करता है। यदि आप 60 वर्ष में पेंशन शुरू करते हैं, तो आपको अतिरिक्त 4% का लाभ मिलेगा, जो कुल पेंशन राशि को बढ़ाएगा।
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