
केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना (APY) ने अपने संचालन के दस वर्षों में 7 करोड़ नामांकनों की संख्या को पार कर लिया है, जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष में अकेले 56 लाख से अधिक नामांकन शामिल हैं। यह योजना विशेषकर भारत के गरीब, वंचित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सोची गई एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली है।
अटल पेंशन योजना की मुख्य विशेषताएं
अटल पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। योजना के तहत, ग्राहक अपने योगदान के आधार पर, 60 वर्ष की उम्र में 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति माह तक की न्यूनतम पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना 18 से 40 वर्ष की उम्र के बीच के भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, और इसमें आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।
पेंशन की आवश्यकता
पेंशन सिस्टम की आवश्यकता विशेषकर भारत में बढ़ती जा रही है क्योंकि यह बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन यापन की गारंटी देता है। विशेषकर जब परमाणु परिवार की प्रवृत्ति बढ़ रही है और उम्र के साथ कमाई की संभावनाएं घट रही हैं, तब पेंशन एक महत्वपूर्ण आय स्त्रोत बन जाता है।
PFRDA की पहल और प्रचार
बता दें , पेंशन निधि एवं विनियामक विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने इस योजना की जागरूकता और पहुंच को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के आउटरीच कार्यक्रम और प्रशिक्षण सेमिनार आयोजित किए हैं। इसके अलावा, एपीवाई के फ्लायर्स और हैंडआउट्स को 21 क्षेत्रीय भाषाओं में जारी किया गया है, जिससे यह जानकारी व्यापक रूप से पहुंच सके।
योजना के लाभ
एपीवाई ग्राहकों को न केवल जीवन भर की निश्चित और गारंटीकृत पेंशन प्रदान करती है, बल्कि ग्राहक की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को भी समान पेंशन राशि प्रदान करती है। यदि दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो संचित धनराशि को नामित व्यक्ति को लौटा दिया जाता है, जिससे परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
इस प्रकार, अटल पेंशन योजना भारत में सामाजिक सुरक्षा के ढांचे को मजबूत करने और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है।