PPF Vs EPF: दोनों में क्या अंतर है? कर्मचारी दोनों पीएफ अकाउंट खोल सकता है? जानें सबकुछ

भारत सरकार ने लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें प्रोविडेंट फंड (PF) एक महत्वपूर्ण योजना है। भारत में अनिवार्य और स्वैच्छिक बचत योजनाएं उपलब्ध हैं। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) अनिवार्य बचत योजना है, जबकि सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) स्वैच्छिक बचत योजना है। इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं जिन्हें समझना आवश्यक है।

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Written by Rohit Kumar

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PPF Vs EPF: दोनों में क्या अंतर है? कर्मचारी दोनों पीएफ अकाउंट खोल सकता है? जानें सबकुछ

यदि आप नौकरी कर रहे है या फिर कर चुके है और आपकी कम्पनी EPFO एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है तो आपकी सैलरी से हर महीने प्रोविडेंट फंड जमा होगा. नागरिक को सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए कम्पनी कर्मचारी को PPF और EPF की सुविधा देती है. भारत में दो लोकप्रिय बचत योजनाएं है जो वित्तीय सुरक्षा और निवेश में मदद करती है. लेकिन कई लोगों को PPF और EPF के बीच अंतर का पता नहीं होता है. जिसके कारण वह समझ नही पाते है कि कौन सा विकल्प सही है. आज हम आपको इस लेख में PPF Vs EPF के बीच प्रमुख अंतर को बताएंगे और आपको यह तय करने में मदद करेंगे कि आपके लिए कौन -सी योजना बेहतरीन है।

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भविष्य में अच्छा निवेश पाने के लिए सरकार, PPF जिसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) और EPF जिसे एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (Employee Provident Fund) की सुविधा उपलब्ध करवाई है, ताकि बुढ़ापे के समय पेंशन का लाभ लें सकें.

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PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) क्या होता है ?

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई PPF एक दीर्घकालीन बचत योजना है. यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद बड़ा फंड बनाने के साथ टैक्स को कम करना चाहते है. यदि आप एक लंबे समय के लिए निवेश की योजना बना रहे है तो पीपीएफ योजना में लगा सकते है क्योंकि इसकी न्यूनतम अवधि 15 साल की होती है.

EPF (एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड) क्या होता है ?

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई EPF (Employee Provident Fund) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है. इस स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के लिए बचत करने में मदद करती है। इस सेविंग स्कीम में कर्मचारी और कम्पनी दोनों का योगदान रहता है. जो व्यक्ति की सैलरी पर निर्भर करता है, हालांकि इसमें से कुछ पैसा निकाला जा सकता है, और पूरा पैसा रिटायर के समय दिया जाता है.

PPF Vs EPF: दोनों में क्या अंतर है?

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इस खाते को कोई भी व्यक्ति खोल सकता है, चाहे वो छात्र, कर्मचारी, स्व -रोजगार, रिटायर नागरिक हो. इस खाते को केवल नौकरीपेशा नागरिक ही खोल सकता है.
न्यूनतम राशि 500 और अधिकतम 1.50 लाख रुपए सालाना जमा कर सकते है कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 12% हिस्सा जमा होता है.
नागरिक अपनी इच्छानुसार खाता खोल सकता है. नौकरीपेशा कर्मचारी के लिए अनिवार्य है.
पीपीएफ खाते की समय अवधि 15 साल की होती है, जिसे 5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है.नौकरी छोड़ने के बाद निवेश की राशि दी जाती है.
आयकर में छूट मिलती है. इसमें भी छूट मिलती है.
ब्याज दर 7.1% प्रति वर्ष 8.1% प्रति वर्ष
जो लोग निवेश करना चाहते है और नौकरी नहीं कर रहे है वह किसी भी बैंक, पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते है.नौकरी करने वाले व्यक्ति और नियुक्त के बीच समझौता होता है, इसके आधार पर निवेश राशि का चयन होता है.

कर्मचारी दोनों पीएफ अकाउंट खोल सकता है?

जी हां, कोई भी कर्मचारी दोनों PF अकाउंट खोल सकते है. पीपीएफ खाता कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार कभी भी खोल सकता है, जबकि EPF एक अनिवार्य योजना है, जिस कंपनी में 20 से ज्यादा कर्मचारी है और उनकी सैलरी अधिकतम 15 हजार रूपये प्रतिमाह है तो कर्मचारी भविष्य-निधि और प्रकीर्ण उपबन्ध अधिनियम, 1952, यानी Employees’ Provident Fund and Miscellaneous Provisions Act, 1952 के तहत EPF खाता खुलवाना जरूरी है.

PPF और EPF दोनों ही रिटायरमेंट बचत के लिए बेहतरीन योजनाएं हैं। कर्मचारी अपनी आवश्यकताओं और योग्यता के अनुसार दोनों योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।

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