मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में पेंशनधारकों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। भारत के राष्ट्रपति की अनुशंसा पर, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) और पटना एम्स के बीच एक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत, CGHS लाभार्थियों को पटना एम्स में कैशलेस उपचार की सुविधा मिलेगी।
केंद्र सरकार ने पटना एम्स और केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता किया है, जिससे पेंशनधारकों और अन्य पात्र लाभार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस समझौते के तहत, CGHS पेंशनधारक और अन्य पात्र लाभार्थी पटना एम्स में ओपीडी, जांच और इनडोर इलाज के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
वैध CGHS कार्ड अनिवार्य
पेंशनधारकों को पटना एम्स में इलाज के लिए वैध CGHS लाभार्थी आईडी कार्ड प्रस्तुत करना होगा। बिना इस कार्ड के, प्रवेश नहीं मिलेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल पात्र लाभार्थी ही इस सुविधा का लाभ उठा सकें, यह प्रक्रिया अनिवार्य की गई है।
विशेष हेल्प डेस्क और एकाउंटिंग सिस्टम
पटना एम्स में CGHS लाभार्थियों के लिए एक विशेष हेल्प डेस्क और एकाउंटिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। यह हेल्प डेस्क लाभार्थियों की सहायता करेगा और उनके इलाज के दौरान आने वाली समस्याओं का समाधान करेगा।
समझौते की प्रमुख बातें:
- कैशलेस उपचार: पटना एम्स में CGHS लाभार्थियों और अन्य पात्र लाभार्थियों को ओपीडी, जांच और इनडोर इलाज के लिए कैशलेस सुविधा मिलेगी।
- वार्ड पात्रता: CGHS लाभार्थियों को उनकी वार्ड पात्रता के अनुसार इलाज मिलेगा।
- सामान्य वार्ड: 1500 रुपये
- अर्ध-निजी वार्ड: 3000 रुपये
- निजी वार्ड: 4500 रुपये
इम्प्लांट्स और दवाइयाँ
- इम्प्लांट्स की उपलब्धता: पटना एम्स में उपलब्ध इम्प्लांट्स ही लाभार्थियों को प्रदान किए जाएंगे। लाभार्थियों को अपनी पसंद के इम्प्लांट्स चुनने का विकल्प नहीं होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी इम्प्लांट्स उच्च गुणवत्ता के मानकों को पूरा करें और मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी इलाज मिल सके।
- दवाइयों की व्यवस्था: OPD उपचार के दौरान या अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयाँ लाभार्थियों या उनके परिजनों द्वारा CGHS वेलनेस सेंटर से कलेक्ट करनी होंगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थियों को आवश्यक दवाइयाँ समय पर और बिना किसी कठिनाई के मिल सकें।
बिल भुगतान की प्रक्रिया
पटना एम्स में CGHS पेंशनभोगियों और अन्य पात्र लाभार्थियों के इलाज के बाद, उनके बिल CGHS को भेजे जाएंगे। CGHS इन बिलों का भुगतान 30 कार्य दिवसों के भीतर करेगा। भुगतान प्रक्रिया को सुचारू और तेज बनाने के लिए NEFT/RTGS का उपयोग किया जाएगा।
समझौते की अवधि
यह समझौता पांच वर्षों की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा। इसके तहत दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों और नियमों का पालन किया जाएगा।
दो प्रतियों में समझौता
इस समझौते की दो प्रतियां बनाई गई हैं, जिनमें से एक प्रति CGHS के कार्यालय में और दूसरी पटना एम्स के कार्यालय में रखी जाएगी। यह दस्तावेज़ दोनों पक्षों के बीच समझौते की शर्तों को स्पष्ट करता है और भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए सहमति का प्रमाण है।
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति
इस समझौते के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, दोनों पक्ष नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर सकते हैं। ये अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि समझौते की शर्तों का सही तरीके से पालन हो और किसी भी समस्या का समाधान तेजी से हो।
इस समझौते से पेंशनधारकों और CGHS लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और उनकी चिकित्सा संबंधी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा। यह कदम मोदी सरकार द्वारा पेंशनधारकों की भलाई के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य निर्णय है।
यह समझौता पेंशनधारकों और CGHS लाभार्थियों के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।