
केंद्र सरकार ने Central Government Health Scheme (CGHS) के नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है, जो लाखों सरकारी कर्मचारियों को सीधा फायदा पहुंचाएगा। अब CGHS कार्ड को लेकर की जा रही नई व्यवस्था न केवल कर्मचारियों की सुविधा बढ़ाएगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की सुगमता भी सुनिश्चित करेगी। इस नई प्रणाली के लागू होने के बाद, जिन कर्मचारियों की सैलरी से CGHS योगदान कट रहा है, उन्हें अब CGHS कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।
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अब बिना आवेदन के मिलेगा CGHS कार्ड
नई गाइडलाइन के मुताबिक, ऐसे सभी कर्मचारी जिनकी सैलरी से CGHS का योगदान काटा जा रहा है, उन्हें कार्ड अपने आप जारी किया जाएगा। यानी अब कार्ड न होने की स्थिति में कर्मचारी को CGHS लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। यह निर्णय सरकार की pro-active approach को दर्शाता है, जहां कर्मचारी के अधिकारों और स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोपरि माना गया है। इससे पहले, कार्ड प्राप्त करने के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता था, जिससे कई कर्मचारी इस सुविधा से वंचित रह जाते थे।
विभागों पर बढ़ी जिम्मेदारी
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अब CGHS कार्ड जारी करने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी। अगर कोई कर्मचारी कार्ड के लिए आवेदन नहीं करता है, तो विभाग प्रमुख को इसकी जानकारी दी जाएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र कर्मचारियों को समय पर कार्ड मिल सके और उन्हें इलाज के समय किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
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डिजिटल CGHS कार्ड से मिलेगी और सुविधा
सरकार ने CGHS कार्ड को डिजिटल रूप में भी उपलब्ध करवा दिया है, जिसे कर्मचारी cghs.gov.in पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। यह डिजिटल कार्ड मोबाइल या प्रिंटेड रूप में मान्य होगा और किसी भी CGHS इंपैनल्ड अस्पताल या क्लीनिक में दिखाकर सेवाएं ली जा सकती हैं। डिजिटल इंडिया की ओर यह एक और ठोस कदम है जो सरकारी सेवाओं को और अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाता है।
कार्ड न होने पर भी नहीं रुकेगा इलाज
यदि किसी कर्मचारी को CGHS कार्ड अभी तक नहीं मिला है लेकिन उसका योगदान सैलरी से कट रहा है, तो वह फिर भी CGHS की सुविधाएं प्राप्त कर सकता है। इसके लिए उसे संबंधित अस्पताल या CGHS वेलनेस सेंटर में वेतन पर्ची दिखाकर सत्यापन करवाना होगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार ने अब CGHS लाभ को कार्ड निर्भर नहीं, बल्कि कर्मचारी योगदान आधारित बना दिया है।
नवीनतम अपडेट्स से बढ़ी पारदर्शिता और भरोसा
इस कदम से सरकारी कर्मचारियों में CGHS को लेकर भरोसा और पारदर्शिता दोनों ही बढ़ी है। पहले कई बार कार्ड की अनुपलब्धता या देर से मिलने की वजह से कर्मचारियों को निजी खर्च पर इलाज कराना पड़ता था, लेकिन अब यह समस्या समाप्त हो जाएगी। साथ ही यह प्रक्रिया सिस्टम की जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगी, जहां विभाग समय पर कार्ड उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी होंगे।
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