केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत लाभार्थियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें दवाइयों की अनुपलब्धता, ओपीडी दरों में असमंजस और कैंसर उपचार की दवाइयों की अव्यवस्था शामिल हैं। इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए, सांसद श्रीमती माला राय ने सरकार से विस्तृत प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने दिया।
संशोधित दरों और प्रक्रियाओं का अद्यतन
सांसद माला राय ने पूछा कि क्या CGHS के अंतर्गत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के लिए ओपीडी उपचार की दरों के संशोधन की कोई योजना है। इस पर श्रीमती पटेल ने जानकारी दी कि दरों और प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई थी, जिसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट के आधार पर दरों का संशोधन किया जाएगा ताकि लाभार्थियों को अधिक सुविधाजनक और किफायती उपचार प्रदान किया जा सके।
CGHS डिस्पेंसरी में दवाइयों की उपलब्धता
दवाइयों की अनुपलब्धता पर श्रीमती राय ने पूछा कि सरकार इस समस्या को कैसे संबोधित कर रही है। इसके उत्तर में श्रीमती पटेल ने बताया कि सभी आवश्यक दवाइयां CGHS के वेलनेस सेंटरों में उपलब्ध कराई जाती हैं। इन दवाइयों की खरीदी थोक में मेडिकल स्टोर्स संगठन और जन औषधि परियोजना के वितरकों से की जाती है। यदि कोई दवा उपलब्ध नहीं होती, तो उसे स्थानीय अधिकृत विक्रेताओं से प्राप्त किया जाता है।
कैंसर उपचार के लिए व्यवस्था
कैंसर रोगियों के लिए दवाइयों की व्यवस्था पर सांसद ने पूछा कि सरकार कैसे सुनिश्चित करती है कि ये लाभार्थी आवश्यक दवाइयां प्राप्त कर सकें। इस पर श्रीमती पटेल ने उत्तर दिया कि कैंसर के उपचार के लिए आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयां सीधे मेडिकल स्टोर डिपो से खरीदी जाती हैं और लाभार्थियों को दी जाती हैं।
निष्कर्ष
CGHS लाभार्थियों के समक्ष आ रही समस्याओं को सरकार गंभीरता से ले रही है और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठा रही है। चाहे वह दरों का संशोधन हो या दवाइयों की उपलब्धता, सरकार प्रयासरत है कि सभी लाभार्थियों को समय पर और पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।