
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अहम कदम उठाया है, जिसके तहत उन्हें ड्रेस अलाउंस अब साल में एक बार नहीं, बल्कि दो बार दिया जाएगा। यह फैसला 7 साल से चली आ रही कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वित्त मंत्रालय ने 24 मार्च 2025 को जारी सर्कुलर में इस फैसले को नोटिफाई किया। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक राहत की तरह है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो बीच में सर्विस में आते हैं।
डिफेंस कर्मचारियों को मिलेगी राहत
इस बदलाव से डिफेंस कर्मचारियों को विशेष लाभ मिलेगा। अब उन्हें अपनी सर्विस पीरियड के अनुसार ड्रेस अलाउंस मिलेगा। इससे वित्तीय बैलेंस बना रहेगा और कर्मचारियों को एक समान और न्यायपूर्ण भुगतान मिलेगा। इस निर्णय से कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे उनके बीच विश्वास और संतोष भी कायम रहेगा।
पहले केवल जुलाई में मिलता था ड्रेस अलाउंस
पहले हर साल जुलाई महीने में एक साथ ड्रेस अलाउंस दिया जाता था, जिससे उन कर्मचारियों को नुकसान होता था जो जुलाई के बाद सर्विस में शामिल होते थे। अब नए प्रो-रेटा पेमेंट प्रोसेस के तहत कर्मचारियों को उनके जॉइनिंग के महीने से अगले साल जून तक के पीरियड के आधार पर ड्रेस अलाउंस मिलेगा।
ड्रेस अलाउंस क्या है?
वित्त मंत्रालय के अगस्त 2017 के नोटिफिकेशन के अनुसार ड्रेस अलाउंस में क्लोदिंग अलाउंस, शू अलाउंस, किट मेंटेनेंस अलाउंस, और रोब अलाउंस शामिल होते हैं। यह अमाउंट उन कर्मचारियों को दिया जाता है जिन्हें ड्यूटी के दौरान विशेष ड्रेस पहननी होती है।
नए फॉर्मूले से कैसे होगी पेमेंट?
नए फैसले के तहत मंत्रालय ने प्रो-रेटा पेमेंट प्रोसेस तय किया है। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी को सालाना 20,000 रुपये का ड्रेस अलाउंस मिलना है और वह अगस्त में सर्विस में शामिल होता है, तो उसे मिलेगा: (20,000 रुपये / 12) x 11 = 18,333 रुपये। इस प्रोसेस से कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता और संतोष बढ़ेगा।
किन कर्मचारियों को कितना मिलेगा ड्रेस अलाउंस?
7वें वेतन आयोग के अनुसार, अलग-अलग कर्मचारियों को अलग-अलग राशि के ड्रेस अलाउंस का भुगतान किया जाएगा:
- सैन्य अधिकारी, वायुसेना, नौसेना, CAPF, कोस्ट गार्ड को 20,000 रुपये सालाना।
- पुलिस अधिकारी, MNS अधिकारी, कस्टम्स, नारकोटिक्स, NIA, ICLS, बायरो ऑफ इमिग्रेशन आदि को 10,000 रुपये सालाना।
- रेलवे के स्टेशन मास्टर, डिफेंस सर्विस के अधीन कर्मचारी, यूनियन टेरिटरी पुलिस आदि को 10,000 रुपये सालाना मिलेगा।
- ट्रैकमैन, स्टाफ कार ड्राइवर, कैंटीन स्टाफ, रनिंग स्टाफ आदि को 5,000 रुपये सालाना मिलेगा।