नौकरी करने वाले व्यक्तियों के लिए PF (Provident Fund) बेहद लाभदायक होता है. रिटायरमेंट के बाद घर बनाने, बच्चों की पढ़ाई अन्य कामों को करने के लिए जमा पूंजी का इस्तेमाल कर सकते है. यदि आप अपने बुढ़ापे में पीएफ सुविधा का लाभ लेना चाहते है तो EPFO के नियमों को जानना बेहद आवश्यक है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अब EPF Member के लिए e -nomination करना अनिवार्य कर दिया है .नॉमिनी के बिना आप जमा राशि का लाभ नहीं उठा सकते है. इसलिए जल्द से जल्द अपने EPF खाते में नॉमिनी जोड़ लीजिए.
कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या वह अपनी पत्नी के अलावा किसी और को PF का नॉमिनी बना सकते है ? तो आज हम आपको EPFO के नियम बताने वाले है.
पत्नी के अलावा कौन होगा PF नॉमिनी का हकदार ?
EPFO के नियमों के अनुसार, कोई भी कर्मचारी अपनी पत्नी के अलावा इन लोगों को अपना PF नॉमिनी बना सकते है-
- खाताधारक नागरिक चाहे तो अपने बेटे, बेटी या दोनों को अपना नॉमिनी चुन सकते है, फिर चाहे वो नाबालिक हो या वयस्क हो.
- कर्मचारी अपने सगे भाई, बहन को नॉमिनी बना सकते है.
- यदि कर्मचारी की शादी नहीं हुई या उसकी पत्नी नहीं हैं, तो वह अपने माता -पिता में से किसी एक या फिर दोनों को नॉमिनी चुन सकते है.
- कर्मचारी अपने परिवार के सदस्य के अलावा अपने चाचा -चाची, दादा-दादी, नाना-नानी, पोते-पोती या अन्य रिश्तेदारों को भी नॉमिनी बना सकते हैं।
- किसी विशेष स्थिति में कर्मचारी अपने परिवार को नॉमिनी न बनाकर, किसी गैर -संबंधित व्यक्ति को भी अपना नॉमिनी बना सकते है.
नॉमिनी न होने पर ये दिक्कत हो सकती है
यदि कोई कर्मचारी अपना नॉमिनी नहीं चुनता है तो उसकी मृत्यु होने के बाद PF खाते में जमा पूँजी को निकालने में दिक्कत हो सकती है. कानूनी प्रक्रिया में पैसों का दावा करने में ज्यादा देरी हो सकती है. उसके बाद PF रुपयों का लाभ एक व्यक्ति को न मिलकर सभी परिवार के सभी सदस्यों में बराबर बांट दिया जाता है. कभी -कभी नॉमिनी न होने पर PF के पैसों पर गैरकानूनी रूप से हड़पने की संभावना बढ़ जाती है।
अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में जल्द से जल्द अपने नॉमिनी का नाम जोड़ लीजिए. सभी कर्मचारी समय रहते अपना नॉमिनी चुन लीजिए ताकि उनकी मृत्यु के बाद परिवार को आसानी से पीएफ के पैसे मिल सकें.
ध्यान दें, कोई भी कर्मचारी एक से अधिक नॉमिनी बना सकता है, ऐसे में उन पैसों को सभी लोगों में बराबर बांट दिया जाता है और वह जब चाहे अपना नॉमिनी भी बदल सकता है.