केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। हालांकि पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल नहीं किया जाएगा, लेकिन राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारी अपने अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए NPS के कार्यान्वयन के बाद उठाया गया है।
NPS और OPS में अंतर
OPS के तहत, कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का आधा हिस्सा आजीवन पेंशन के रूप में मिलता था। इसके विपरीत, NPS एक अंशदान आधारित योजना है, जिसमें कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% योगदान करते हैं और केंद्र सरकार 14% योगदान करती है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
सरकार की योजना
पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति पेंशन को लेकर चिंतित हैं। इसपर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसने अन्य देशों की पेंशन योजनाओं और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किए गए बदलावों पर शोध किया है।
इस शोध का उद्देश्य यह पता लगाना है कि सरकार पेंशन का कितना हिस्सा वहन करने में सक्षम है और इस पर कैसे प्रभाव डाला जा सकता है। प्रारंभिक शोध से पता चला है कि सरकार पेंशन का लगभग 40-45% हिस्सा वहन कर सकती है, जो पर्याप्त नहीं है। इसलिए, सरकार अब 50% पेंशन की गारंटी देने पर विचार कर रही है।
भविष्य की योजनाएं
इस मामले पर मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पेंशन फंड में कोई कमी आने पर सरकार इसे दूर करेगी और प्रतिवर्ष इसे रिव्यू करेगी। कुछ समिति सदस्यों की राय है कि केंद्र सरकार भविष्य में एक स्थायी रिटायरमेंट फंड स्थापित कर सकती है, जहां हर वर्ष धनराशि जमा की जाएगी, जैसे कि निजी क्षेत्र की कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए करती हैं। इससे 25 से 30 वर्ष तक सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के बराबर लाभ मिलने की संभावना है।