आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पेंशनभोगियों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिससे लाखों पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी। कोर्ट ने पेंशन कम्युटेशन की कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद पेंशनभोगियों ने मिठाइयां बांटी और अपनी खुशी का इजहार किया।
क्या है पेंशन का कम्युटेशन?
पेंशन कम्युटेशन, जिसे पेंशन बचत या पेंशन लोन भी कहा जाता है, वह प्रक्रिया है जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी पेंशन का 40% हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में प्राप्त कर सकता है। इसके बदले में हर महीने उनकी पेंशन से कटौती की जाती है। यह कटौती 15 साल तक चलती है, हालांकि, आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रक्रिया सामान्यतः 11 वर्ष और 3 महीने में पूरी हो जाती है।
इस व्यवस्था से पेंशनभोगियों को लंबी अवधि में नुकसान होता है, क्योंकि 15 वर्षों तक जारी कटौती उनके वित्तीय संतुलन को प्रभावित करती है। यही कारण है कि कई पेंशनभोगियों ने इस मुद्दे को लेकर न्यायालय का रुख किया।
हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
पेंशनभोगियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पेंशन से कम्युटेशन की कटौती को 11 वर्ष 3 महीने के बाद तत्काल बंद किया जाए। कोर्ट ने पेंशनभोगियों की इस शिकायत को सही ठहराया कि 15 वर्षों तक कटौती जारी रखना अनुचित और अवैध है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पहले की गई अतिरिक्त कटौती और वसूले गए ब्याज को पेंशनभोगियों को वापस किया जाए। यह आदेश पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो लंबे समय से इस मुद्दे पर न्याय की उम्मीद कर रहे थे।
सरकार ने तुरंत उठाए कदम
कोर्ट के आदेश के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने 25 नवंबर 2024 को एक ज्ञापन (Memo No.FIN01-HROMISC/170/2024-HR-III) जारी किया। इस ज्ञापन में सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
- 11 वर्ष 3 महीने की अवधि पूरी होने के बाद पेंशनभोगियों से कम्युटेशन की कटौती बंद की जाए।
- 31 अक्टूबर 2024 तक जिन पेंशनभोगियों ने 11 वर्ष 3 महीने पूरे कर लिए हैं, उनकी पेंशन से आगे कोई कटौती न की जाए।
सरकार ने यह आदेश जिला कोषागार और लेखा अधिकारियों (DT&AOs) और CRT के सहायक कोषागार अधिकारियों (ATO) को लागू करने के लिए जारी किया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि पेंशनभोगियों को पूरी पेंशन मिले और उनके हितों की रक्षा हो।
आदेश का तत्काल प्रभाव
यह आदेश सभी संबंधित अधिकारियों के लिए तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अगले आदेश तक किसी भी पेंशनभोगी की पेंशन से कम्युटेशन की कटौती नहीं की जाएगी। यह कदम सरकार की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है, जो पेंशनभोगियों के अधिकारों और उनकी वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
EPS 95 पेंशनरों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए राहुल गांधी से मदद की मांग
EPS-95 पेंशनर्स ने न्यूनतम पेंशन की मांग को लेकर किया प्रदर्शन, 31 से होंगे आंदोलनरत
पेंशनभोगियों के लिए फायदे
इस निर्णय से पेंशनभोगियों को कई तरह के लाभ होंगे:
- पूरी पेंशन की प्राप्ति: 11 वर्ष 3 महीने के बाद किसी भी प्रकार की कटौती न होने से पेंशनभोगियों को पूरी पेंशन मिलेगी।
- वित्तीय स्थिरता: अतिरिक्त कटौती बंद होने से पेंशनभोगियों की मासिक आय में वृद्धि होगी, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी।
- मानसिक राहत: लंबे समय से चल रही कटौती के समाप्त होने से पेंशनभोगियों को मानसिक सुकून मिलेगा।
पेंशनर्स की बड़ी जीत
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट और राज्य सरकार के इस कदम से पेंशनभोगियों के अधिकारों की सुरक्षा हुई है। यह निर्णय न केवल न्याय की जीत है, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस आदेश का पालन सही तरीके से और समय पर हो।
पेंशनभोगियों के लिए यह एक बड़ी जीत है और उम्मीद है कि अन्य राज्य सरकारें भी इसी तरह के फैसलों को अपनाकर अपने पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा करेंगी।