Life Certificate: राजस्थान सरकार ने पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस नवीन प्रक्रिया के तहत, राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 134 के अनुसार, अब सभी सेवारत कर्मचारियों को (चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर) पेंशनभोगियों और परिवार पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी गई है।
प्रक्रिया का डिजिटलीकरण
इस संशोधित प्रक्रिया के अंतर्गत, कर्मचारी अपनी SSO ID (सिंगल साइन-ऑन) के माध्यम से ई-साइन द्वारा जीवन प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे, जिससे पेंशनभोगियों को जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी और प्रक्रिया में तेजी आएगी।
पेंशनभोगियों के लिए लाभ
- जटिलताओं में कमी: इस नई व्यवस्था से पेंशनभोगियों को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया में आने वाली जटिलताएं कम होंगी।
- डिजिटल सुविधा: डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के विकल्प से पेंशनभोगियों को भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे समय और प्रयास की बचत होगी।
प्रमाण पत्र की आवश्यकता
जीवन प्रमाण पत्र पेंशनभोगियों की पहचान और उनके जीवित होने की पुष्टि करने के लिए अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि पेंशन का भुगतान सही व्यक्ति को हो रहा है। पेंशनभोगी इसे दो तरीकों से जमा कर सकते हैं:
- भौतिक रूप से: बैंक, पोस्ट ऑफिस, या पेंशन वितरण कार्यालयों में व्यक्तिगत रूप से जमा करना।
- डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के माध्यम से: Jeevan Pramaan पोर्टल के माध्यम से आधार और बायोमेट्रिक पहचान का उपयोग करके।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की यह पहल पेंशनभोगियों के लिए एक संजीवनी साबित हो सकती है। यह न केवल पेंशनभोगियों को उनकी पेंशन प्रक्रिया में सहूलियत प्रदान करती है, बल्कि यह राजस्थान सरकार के डिजिटल इंडिया की दिशा में बढ़ते कदमों को भी दर्शाती है।
इस सुविधा से पेंशनभोगियों की आम दिनचर्या में आसानी होगी और उन्हें उनकी जरूरतों के अनुसार सेवाएं मिल सकेंगी, जिससे उनका जीवन अधिक सुगम होगा।
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