OPS: रिटायर महिला JBT को 10 साल से कम की रेगुलर सर्विस पर भी मिलेगी OPS, अब तक मिलती थी सिर्फ ₹1,296 पेंशन, जाने पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश में महिला जेबीटी, शक्ति पठानिया को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओल्ड पेंशन योजना का लाभ मिला। सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट सेवा को भी रेगुलर सेवा मानते हुए 10 साल से अधिक सेवा पर पेंशन स्वीकृत की।

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Written by Rohit Kumar

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10 साल से कम की रेगुलर सर्विस पर भी रिटायर महिला JBT को मिलेगी OPS, जाने पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश में एक वरिष्ठ महिला जेबीटी (Junior Basic Training) शिक्षक, शक्ति पठानिया, जिन्होंने अपने करियर के दौरान कॉन्ट्रैक्ट और रेगुलर सर्विस का मिश्रण अनुभव किया, उन्हें आखिरकार ओल्ड पेंशन योजना (OPS) के तहत पेंशन का लाभ मिला है। यह विकास सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णायक फैसले के बाद हुआ, जिसने कॉन्ट्रैक्ट कार्यकाल को भी रेगुलर सेवा के रूप में मान्यता दी।

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क्या है पूरा मामला?

शक्ति पठानिया, जिन्होंने 1997 में हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में जेबीटी के रूप में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य आरंभ किया, उन्होंने आठ वर्षों तक कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम किया। 2006 में उन्हें विभाग द्वारा रेगुलर नियुक्ति प्रदान की गई। हालांकि, उस समय तक नई पेंशन स्कीम लागू हो चुकी थी, जिसके तहत उन्हें पर्याप्त पेंशन लाभ नहीं मिल रहे थे।

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चुनौतियाँ और समाधान

2013 में रिटायरमेंट के समय शक्ति पठानिया की अंतिम सैलरी ₹25,000 थी, और उन्हें केवल ₹1,296 की मासिक पेंशन मिल रही थी। उन्होंने अपने कॉन्ट्रैक्ट काल को भी रेगुलर सेवा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

नीति परिवर्तन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, हिमाचल प्रदेश सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट और रेगुलर सेवा को मिलाकर अगर कुल सेवा 10 वर्ष से अधिक होती है, तो ओल्ड पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश जारी किया। इसके फलस्वरूप, शक्ति पठानिया को अब ₹7,900 के अलावा, DA मिलाकर करीब ₹10,000 प्रति माह की पेंशन प्राप्त हो रही है।

निष्कर्ष

यह मामला न केवल शक्ति पठानिया के लिए, बल्कि अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए भी उम्मीद की किरण बनकर उभरा है, जो लंबे समय से अपनी सेवाओं की उचित पहचान और लाभ की मांग कर रहे थे। हिमाचल प्रदेश सरकार का यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल सेट कर सकता है, जिससे भारत भर के अध्यापकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को इसी तरह के लाभ मिल सकें।

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