EPFO: EPF (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) न केवल कर्मचारियों को उनकी कमाई का सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करता है, बल्कि यह उन्हें रिटायरमेंट तक करोड़पति बनने का मौका भी देता है। SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) जैसी योजनाओं के विपरीत, कर्मचारी अपने EPF खाते के जरिए भी बड़ी रकम जमा कर सकते हैं। EPF खाता कर्मचारियों के रिटायरमेंट प्लान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो 3 से 5 करोड़ रुपये तक का फंड बनाने में मदद कर सकता है।
कैसे काम करता है EPF?
EPF में कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों का बराबर योगदान होता है। कर्मचारी के मूल वेतन का 12% हिस्सा EPF में जाता है, और नियोक्ता की तरफ से भी समान योगदान दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है, तो हर महीने 2,400 रुपये कर्मचारी के और 2,400 रुपये नियोक्ता के योगदान से कुल 4,800 रुपये EPF में जमा होते हैं।
EPF पर मिलने वाला ब्याज
EPF पर सालाना ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, जो इस समय 8.25% है। यह ब्याज दर कर्मचारियों के EPF खाते में जमा होने वाली राशि पर लागू होती है। विशेष बात यह है कि EPF में जमा पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगता, जो इसे एक टैक्स-फ्री निवेश विकल्प बनाता है।
ईपीएफ कैलकुलेशन
EPF कैलकुलेटर का उपयोग करके आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि कितने समय तक और कितनी राशि जमा करके आप अपने EPF खाते में करोड़ों रुपये जमा कर सकते हैं। यदि आप अपने EPF योगदान को बढ़ाते हैं, तो रिटायरमेंट के समय आपकी कुल जमा राशि में बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए:
- 3 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए: यदि आप 40 वर्षों तक हर महीने 8,400 रुपये का योगदान करते हैं, तो मौजूदा ब्याज दर (8.25%) के हिसाब से रिटायरमेंट के समय आपके पास लगभग 3 करोड़ रुपये होंगे।
- 5 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए: हर महीने 12,000 रुपये का योगदान देने पर, आपको रिटायरमेंट के समय करीब 5 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
EPF का लाभ
EPF न केवल एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, बल्कि यह शेयर बाजार में भी निवेश करता है, जिससे बेहतर रिटर्न मिलता है। इसका मतलब है कि EPF में जमा आपकी राशि न केवल सुरक्षित रहती है, बल्कि लंबे समय में इसका अच्छा विकास भी होता है। इसके अलावा, सरकार द्वारा दी जाने वाली टैक्स-फ्री सुविधा इसे और अधिक आकर्षक बनाती है।