EPFO पोर्टल और उमंग ऐप पर सदस्यों के लिए लॉगिन मुश्किल, जाने क्या होगा समाधान

EPFO के पोर्टल और उमंग ऐप में तकनीकी समस्याएं बढ़ी हैं, जिससे लॉगिन, क्लेम सेटलमेंट और KYC अपडेट में दिक्कतें हो रही हैं। सरकार नए सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO पोर्टल और उमंग ऐप पर सदस्यों के लिए लॉगिन मुश्किल, जाने क्या होगा समाधान

भारतीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का पोर्टल, जो लाखों भारतीयों के लिए भविष्य निधि संबंधी सेवाओं का मुख्य स्रोत है, पिछले कुछ समय से कई प्रकार की तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है। इन समस्याओं के चलते, सदस्यों को अपने खातों में लॉगिन करने, क्लेम सेटलमेंट, KYC अपडेट्स और अन्य आवश्यक कार्यवाहियों को पूरा करने में असुविधा हो रही है।

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पोर्टल पर लॉगिन में बाधाएं

सबसे पहले, यह देखा गया है कि पोर्टल पर लॉगिन की प्रक्रिया में अधिकतम बाधाएँ आ रही हैं। सर्वर की धीमी गति के कारण सदस्य अपने खातों तक पहुँचने में असमर्थ हैं। इसी तरह की समस्याएँ उमंग ऐप पर भी देखी गई हैं। सोशल मीडिया पर इन दिक्कतों के बारे में शिकायतों की एक लहर है, जो संगठन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

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यदि कोई सदस्य लॉगिन करने में सफल हो भी जाता है, तो उसके बाद निकासी के दावे की प्रक्रिया और पासबुक डाउनलोड करने में कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। खासतौर पर, जो व्यक्ति नई नौकरी में शिफ्ट हुए हैं और अपनी पुरानी धनराशि को नए खाते में ट्रांसफर करना चाहते हैं, उन्हें विशेष रूप से अधिक परेशानियाँ हो रही हैं।

नए सॉफ्टवेयर के विकास पर काम शुरू

इसके अलावा, कई बार सदस्यों को बार-बार केवाईसी अपडेट करने की जरूरत पड़ती है, जबकि वे पहले ही यह प्रक्रिया कई बार कर चुके होते हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भी माना है कि सर्वर में गंभीर समस्याएं हैं और नए सॉफ्टवेयर के विकास पर काम चल रहा है, हालांकि नया सिस्टम शुरू होने में दो से ढाई महीने का समय लग सकता है।

कियोस्क मशीनों का करें उपयोग

इस बीच, EPFO कार्यालयों में अनुभव केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ सदस्य घर बैठे ही टोकन प्राप्त कर सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए कियोस्क मशीनों का उपयोग कर सकते हैं।

आगे चलकर, यह उम्मीद की जाती है कि नए सिस्टम के साथ तकनीकी समस्याओं का समाधान होगा और सदस्यों को बेहतर और अधिक सहज अनुभव प्रदान किया जा सकेगा। इस बीच, सदस्यों को अपने वर्तमान तकनीकी विकल्पों के साथ समझदारी से काम लेने की जरूरत है।

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