भारतीय संगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के लिए, एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) एक महत्वपूर्ण संस्था है, जिसे भारत सरकार संचालित करती है। यह संस्थान न केवल प्रोविडेंट फंड का प्रबंधन करता है, बल्कि पेंशन और इंश्योरेंस जैसी सेवाएँ भी प्रदान करता है। इसके अंतर्गत, कर्मचारी और उनके नियोक्ता दोनों को ही अपनी सैलरी का 12% योगदान देना होता है।
कर्मचारियों के लिए पेंशन के विकल्प
1995 में शुरू की गई कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत, संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की पेंशन सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस स्कीम के लिए आवश्यकताएं यह हैं कि कर्मचारी को कम से कम 10 वर्षों तक सेवा प्रदान करनी होती है और उसकी आयु 58 वर्ष होनी चाहिए।
- सुपरन्युएशन पेंशन: यह उन कर्मचारियों को प्रदान की जाती है जो 58 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं और उन्होंने कम से कम 10 वर्ष तक सेवा की है।
- अर्ली पेंशन: यह उन कर्मचारियों को दी जाती है जिन्होंने 58 वर्ष की उम्र से पहले रिटायरमेंट ले ली हो और उन्होंने कम से कम 10 वर्ष तक सेवा की हो।
- विकलांगता पेंशन: यह उन कर्मचारियों को प्रदान की जाती है जो अपनी नौकरी के दौरान स्थाई रूप से विकलांग हो जाते हैं।
- विडो और चिल्ड्रन पेंशन: यदि कोई कर्मचारी मर जाता है तो उसके जीवनसाथी और बच्चों को पेंशन प्रदान की जाती है।
- नॉमिनी पेंशन: अगर कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके कोई जीवनसाथी या बच्चे नहीं हैं, तो नॉमिनी को पेंशन प्रदान की जाती है।
- अनाथ पेंशन: यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उसके बच्चे अनाथ हो जाते हैं, तो उन्हें पेंशन प्रदान की जाती है।
संक्षेप में
EPFO ने भारतीय कार्यबल को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक सुदृढ़ ढांचा स्थापित किया है। यह संगठन न केवल रिटायरमेंट की तैयारी में मदद करता है, बल्कि विभिन्न प्रकार की पेंशन सुविधाओं के माध्यम से कर्मचारियों को उनके करियर के विभिन्न चरणों में समर्थन प्रदान करता है।