नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है, सरकार की नीतियों और कर्मचारियों की मांगों को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि बेतहाशा ऋण लेने के बावजूद कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिल रही है और डीए व एरियर की घोषणा के बाद भी उन्हें यह सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
कर्मचारियों की मांगें जायज
जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं। सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद आउटसोर्सिंग बंद कर पक्की नौकरी दी जाएगी, लेकिन अब मुख्यमंत्री खुद सार्वजनिक मंचों से कह रहे हैं कि पद आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे। यह सरकार की दोहरी नीति को दर्शाता है।
घोषणाओं के बावजूद डीए और एरियर नहीं दिया गया
जयराम ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाया कि घोषणाओं के बावजूद डीए और एरियर अभी तक जारी नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल रिइंबर्समेंट का भुगतान दो वर्षों से नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री से श्वेत पत्र जारी करने की मांग
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि 20 महीनों में 30,000 करोड़ रुपये के ऋण को कहां खर्च किया गया। उन्होंने सरकार से कर्मचारियों और पेंशनरों को उनका हक जल्द से जल्द देने का आग्रह किया।
यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में गर्मी ला रहा है और आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की संभावना है, खासकर जब कर्मचारी संगठन भी सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।