NPS निवेश से पुरानी और नई कर व्यवस्था के तहत 9.5 लाख रुपये तक की आय पर बचा सकते हैं टैक्स, जाने कैसे?

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पुरानी और नई कर व्यवस्था दोनों में कर लाभ प्रदान करता है। नई व्यवस्था में धारा 80CCD(2) के तहत कटौती मिलती है, जबकि पुरानी व्यवस्था में धारा 80CCD(1), 80CCD(1B), और 80CCD(2) के तहत कुल 9.5 लाख रुपये तक की कटौती संभव है।

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Written by Rohit Kumar

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NPS निवेश से आप बचा सकते हैं 9.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स, जाने कैसे?

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) भारतीय नागरिकों के लिए एक आकर्षक सेवानिवृत्ति योजना है, जो न केवल रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित वित्तीय भविष्य सुनिश्चित करती है, बल्कि कर लाभ भी प्रदान करती है। NPS का प्रमुख आकर्षण यह है कि यह पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाओं में कर छूट के अवसर प्रदान करता है, जिससे करदाताओं को विभिन्न विकल्प मिलते हैं।

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नई कर व्यवस्था के तहत निवेश के फायदे

वर्तमान वित्तीय वर्ष में नई कर व्यवस्था अपनाने वाले व्यक्ति, NPS में निवेश करके आयकर अधिनियम की धारा 80CCD(2) के तहत कटौती का लाभ उठा सकते हैं। इस धारा के तहत नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के टियर-I NPS खाते में योगदान पर कर छूट का दावा किया जा सकता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह छूट और भी फायदेमंद हो जाती है, क्योंकि वे अपने वेतन के 14% तक का दावा कर सकते हैं, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपने वेतन के 10% तक कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

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हालांकि, NPS में नियोक्ता के योगदान की कर छूट पर एक सीमा है। यदि कुल योगदान (NPS, EPF और अन्य सेवानिवृत्ति निधियों में) 7.5 लाख रुपये से अधिक हो जाता है, तो अतिरिक्त राशि कर योग्य होगी। इसके साथ ही, इस अतिरिक्त योगदान से उत्पन्न होने वाला ब्याज या लाभांश भी कर के दायरे में आएगा।

सरकार ने किए विभिन्न बदलाव

भारत सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 से नई कर व्यवस्था को और आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं, जिसमें कर स्लैब में बदलाव, मूल कर छूट सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना, और मानक कटौती का प्रावधान शामिल है। नई कर व्यवस्था अब डिफ़ॉल्ट व्यवस्था बन गई है, और जो करदाता पुरानी व्यवस्था को चुनना चाहते हैं, उन्हें विशेष रूप से इसका चयन करना होगा।

पुरानी कर व्यवस्था के तहत निवेश के फायदे

पुरानी कर व्यवस्था NPS निवेशकों को अधिक कर लाभ प्रदान करती है, क्योंकि यह आयकर अधिनियम की तीन अलग-अलग धाराओं के तहत कटौती का दावा करने की अनुमति देती है: धारा 80CCD(1), 80CCD(1B), और 80CCD(2)।

धारा 80CCD(1) के तहत कटौती धारा 80C के अंतर्गत आती है, जिसके तहत व्यक्ति अपने टियर-I NPS खाते में योगदान करके 1.5 लाख रुपये या अपने मूल वेतन के 10% तक कटौती का दावा कर सकता है। इसके अतिरिक्त, धारा 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती का दावा किया जा सकता है, जो धारा 80C/80CCD(1) की सीमा समाप्त होने के बाद उपलब्ध होती है।

कुल कर कटौती का अधिकतम लाभ

पुरानी कर व्यवस्था का चयन करने वाले निवेशक, NPS के माध्यम से कुल 9.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं। इसमें धारा 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपये, धारा 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये और धारा 80CCD(2) के तहत 7.5 लाख रुपये की कटौती शामिल है। इस तरह, पुरानी कर व्यवस्था NPS निवेशकों के लिए अधिक कर लाभ के अवसर प्रदान करती है।

निष्कर्ष

NPS न केवल एक सुरक्षित और संरक्षित सेवानिवृत्ति योजना है, बल्कि कर लाभ का एक सशक्त माध्यम भी है। चाहे आप पुरानी कर व्यवस्था का चयन करें या नई व्यवस्था का, NPS आपके कर बोझ को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। निवेशकों को दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत उपलब्ध लाभों को समझकर अपने कर नियोजन को सुव्यवस्थित करना चाहिए।

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