18 महीने का मिलेगा एरियर, DA 50% से बढ़कर हुआ इतना, विपक्ष की मांग एरियर का पैसा तुरंत किया जाए भुगतान

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 18 महीने के डीए एरियर का भुगतान न करने का निर्णय लिया है, जिससे व्यापक निराशा और आलोचना की लहर उठी है।

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Written by Rohit Kumar

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18 महीने का मिलेगा एरियर, DA 50% से बढ़कर हुआ इतना, विपक्ष की मांग एरियर का पैसा तुरंत किया जाए भुगतान

केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को पिछले 18 महीनों के महंगाई भत्ते (DA) का एरियर नहीं देगी, जिससे एक करोड़ से अधिक लोगों में गहरी निराशा और आक्रोश की लहर दौड़ गई है। यह निर्णय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में दिए गए एक बयान के दौरान सामने आया।

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एरियर देने से इनकार के पीछे का तर्क

वित्त राज्य मंत्री के अनुसार, सरकार ने यह निर्णय आर्थिक और प्रशासनिक कारणों से लिया है। सरकार का मानना है कि इस तरह के एकमुश्त भुगतान से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिसे वर्तमान में वहन करना संभव नहीं है।

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कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

इस घोषणा के जवाब में, कई कर्मचारी संगठनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। JCM स्टाफ साइड और अन्य कर्मचारी संगठनों ने DOPT के सचिव से मिलकर यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि 18 महीने के DA एरियर पर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का वैधानिक हक है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मामले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार की इस कदम की तीव्र आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी आर्थिक नीतियों के चलते न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों को भी उनके हक से वंचित कर रही है। यादव ने यह भी कहा कि इस तरह के निर्णय से सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है और इससे कर्मचारियों की कार्य क्षमता पर भी प्रभाव पड़ेगा।

जुलाई से 53% DA कन्फर्म

बता दें, जुलाई 2024 से महंगाई भत्ता 53% होने की पुष्टि हुई है। इसमें 3% की वृद्धि शामिल है, जो कि जुलाई से प्रभावी हो गई है। इस वृद्धि का भुगतान अक्तूबर की सैलरी और पेंशन में किया जाएगा। साथ ही, जुलाई, अगस्त, और सितंबर के महीनों का एरियर भी इसी समय में वितरित किया जाएगा।

इस घोषणा से न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में निराशा है बल्कि इसने व्यापक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी उत्पन्न किया है। सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच इस मुद्दे पर चल रही बातचीत का परिणाम न केवल इन कर्मचारियों के भविष्य पर असर डालेगा बल्कि यह भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के चेहरे को भी प्रभावित करेगा।

42 thoughts on “18 महीने का मिलेगा एरियर, DA 50% से बढ़कर हुआ इतना, विपक्ष की मांग एरियर का पैसा तुरंत किया जाए भुगतान”

  1. Why Modi Sarkar is regid not to release 18 months arrear DR of poor low paid Pensioners who are suffering a lot due to acute financial problem to purchase essential commodities and medecine. When Central Government have been mentioned in public announcement that 34 thousand crore rupees and above are held up by Govt. to release the DA and DR of Central Government employees and Pensioners. Similarly State Government have held up the DA and DR of their employees and Pensioners awaiting the decesion of central government. More over splitting up the pension from 65yrs to 80 yrs as proposed earlier have not been declared nas yet. Further no revision of Fitment factor of 7th CPC and constitution of 8th CPC has not been declared which are over due and Center Finance of State Mr.Panjaj Choudhary always denied in Rajya sabha when Opposition questioned. It is not fair because Hon’ble PM never said any where how much amount have held up of Ministers Council and MPs during Corona time.
    Second now the Government Mechanism have failed to control the price hike for which the market rate are considerably increased day by day of essential commodities and medecine as well as green vegetables etc. for which poor low paid Pensioners are facing a lot. Modi Sarkar plz open their eyes to understand.

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  2. माना कि यह आपदा थी, लेकिन कर्मचारी वर्ग पेंशनभोगी वर्ग से ही आपदा मैं धनराशि की प्रतिपूर्ति करना उचित नहीं है । व्यापारी वर्ग से अथवा डाले गये बड़े बड़े छापों से जुर्माने की राशि से प्राप्त धनराशि द्वारा प्रतिपूर्ती किया जाना न्याय संगत है । भारत सरकार की एलआईसी, रेलवे जैसे सरकारी विभागों के पास, बैंकों द्वारा विभिन्न मदों मैं ग्राहकों के खातों से काटी गई राशि unclaimed धनराशि करोड़ों मैं है से प्रतिपूर्ति करनी चाहिए।

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  3. सत्तारुड भाजपा पार्टी को विचार करना चाहिये कि पार्लियामेंटरी चुनाव में सीटें कम क्यों हुई है । 1500 या 2000 वोटों से हारना स्पष्ट है सरकारी कर्मचारियों की नाराज़गी जो सरकार से कुछ ज़्यादा ही प्राप्त करने की उम्मीद लागतें है, वहाँ उनका हक़ भी सीज हो जाये, जिनका कोई अपराध नहीं है । यह न्यायपूर्ण नहीं है ।

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    • सरकार को सोचने चाहिए कि देश का एक नेता जो जनता की सेवा करने।के लिए चुना गया है उसका वेतन एवम् पेंशन से देश को कोषागार में जब फर्क नही पड़ रहा है तो कर्मचारी और पेंशनवर्ग को उनका हक देने में क्या हर्ज है। इस पर विचार किया जाय नही तो आने वाले समय में इसका नुकसान उठाना पड़ेगा

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    • कर्मचारियों के वेतन या मंहगाई भत्ता में कोई कटौती नहीं करनी चाहिए। रिटायर्ड लोगों से पांच या दस वर्ष तक चार या पांच घंटे रोज काम लिया जा सकता है जिसके एवज में उन्हें कुछ धनराशि पेंशन के अतिरिक्त दी जा सकती है। वैसे भी अब औसत आयु बढ़ गई है। जिन देशों की इकानामी बहुत अच्छी है, वहां काम के घंटे बारह से पंद्रह घंटे प्रतिदिन होते हैं और छुट्टियां भी बहुत कम होती हैं। यहाँ भी बेहतर सुविधाओं के बदले काम के घंटे बढ़ा सकते हैं।

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  4. क्या आपदा में सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों से आपदा का खर्चा वसूला जाना चाहिए था ? ये गलत है, फिर धन्यवाद मोदीजी किस लिए, फिर तो धन्यवाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का होना चाहिए था !

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  5. बीजेपी को अभी भी समझ में नहीं आ रहा कि उसका इस चुनाव में ये हाल क्यों हुआ है। ये पार्टी कभी भी सरकारी कर्मचारियों के हित में नहीं रही । इस पार्टी की ग़लत नितियों के कारण ही आज रेलवे बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है गाड़ियां अकारण ही घंटों स्टेशन पर खड़ी रहती है कोई पूछने वाला नहीं।

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  6. ये एकदम सही है जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया है और पेन्शन , डी, ए, ये कर्मचारियोंका हक्क है और इसका बहुत बडा फरक पेन्शन भोगियो को पडता और उनको सिर्फ डी ए अलावा कूच नहीं मिलता जो कर्मचारी सेवा मे उनको साल मे एक वेतनवाढ (inkrimet) ,HRA, वाहन भत्ता ,मेडिकल क्लेम ये बहुत से फायदे मिलते है सरकार ने सभी कर्मचारियोंको १८ महीनो के डी ए एरीएस की थकबाकी देना चाहिए कमसेकम पेंशन भोगियों को देना चाहिए क्योंकि उनको बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता हैं l

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  7. ए जिद्दी सरकार है जो कभी कर्मचारियों की बात नहीं सुनती। अगर सरकार के पास पैसे की कमी है तो नेताओं की पेंशन बंद करे जो मात्र कुछ महीने पद मे रहने के बाद पेंशन के हकदार हो जाते हैं और क‌ई क‌ई पेंशन ले रहे हैं।

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  8. इस समय सरकार सभी टैक्स से अधिकाधिक बासूती कर रही है. DA का कर्मचारियों और pensioners को भुगतान न कर उसे मुफ्त ration आदि के रूप में बांट कर मुफ्त खोर जनता को बढ़ावा दे रही और उन्हें नाकारा बना रही है.

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  9. सरकार का गलत फैसला,वोट बटोरने हेतु कयी फ्री बिज बंटे जा रहे,MP,MLA भुत पुर्व मंत्री गण चार चार पेशन्स ले रहे जब की ऊन्होने कोई (हार्डशिप) नौकरी नही की और संविधान के तहेत पेशन्स के हकदार भी नही है तो ए सब बंद कर के ऊस धन राशी से कोवीड प्रतिपुर्ती करनी चाहिए न की सैनिको का खुन चुसके

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  10. I am sorry there are some mistakes while recording my remark. Below,I mention the rectified remark:-
    Govt.must reconsider stand regarding release of 18 months arrear DA because at present,financial situation has much more
    improved in comparison to. post COVID 19 period . Another plea for release of DA is the remark of the APEX COURT which. pointed out that DA of the employees is their rightful dues .
    .

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  11. सरकारी कर्मचारी ही एक ऐसा मुर्गा है जिसे हलाल भी कर दो तो भी वो नही चिल्लाएगा। अगर चिल्लायेगा तो भून कर खा जाएंगे l इस देश में ऐसी ही प्रथा व चलन है l

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