CGHS रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार: लोक सभा में चर्चा और सरकार के कदम

केंद्र सरकार ने CGHS रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे समय पर भुगतान, पैकेज दरों की समीक्षा और शिकायत निवारण प्रणाली। HCO पर दंड और सख्त दिशा-निर्देशों के पालन से स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।

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Written by Rohit Kumar

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CGHS रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार: लोक सभा में चर्चा और सरकार के कदम

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने लोक सभा में CGHS (केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना) रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार से संबंधित मुद्दों पर एक विस्तृत जानकारी दी। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल द्वारा लिखित प्रश्न संख्या 1930 के उत्तर में दी गई।

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प्रश्न और सरकार की स्थिति

प्रश्न: क्या सरकार केंद्रीय सरकारी पेंशनरों द्वारा नकदी-रहित उपचार प्राप्त करने में आ रही समस्याओं से अवगत है? क्या निजी अस्पताल नकदी-रहित उपचार देने में संकोच कर रहे हैं और इसके लिए रोगियों को भुगतान करने के बाद प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है?

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उत्तर:

  1. नकदी-रहित उपचार का एमओयू: CGHS और सूचीबद्ध स्वास्थ्य देखभाल संगठनों (HCO) के बीच हुए समझौते (MoU) के अनुसार, सभी केंद्रीय सरकारी पेंशनरों और अन्य पात्र लाभार्थियों को नकदी-रहित स्वास्थ्य सेवाएं एनएचए के आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से CGHS सूचीबद्ध अस्पतालों और निदान केंद्रों में प्रदान की जाती हैं।
  2. समस्याओं का समाधान: नकदी-रहित उपचार प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों का समाधान करने के लिए केंद्रीय सरकारी पेंशनरों को विभिन्न माध्यमों से अपनी शिकायतें दर्ज करने की सुविधा दी गई है जैसे कि ईमेल, पीजी पोर्टल, स्थानीय सलाहकार समितियों और जोनल सलाहकार समिति की बैठकों के माध्यम से।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  1. भुगतान समय में कमी: सितंबर 2023 में, विभाग ने सभी सीएमओ इंचार्जों को स्वीकृति अधिकारी बनाने का निर्णय लिया (कुल 346)। इस निर्णय ने भुगतान की लंबितता को 5-6 महीनों से घटाकर वर्तमान 20-25 दिनों तक कर दिया है।
  2. पैकेज दरों की समीक्षा: CGHS पैकेज दरों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
  3. शिकायत निवारण: किसी भी शिकायत प्राप्त होने पर, CGHS अधिकारी त्वरित समाधान के लिए मामले में हस्तक्षेप करते हैं। इसके लिए प्रत्येक CGHS सूचीबद्ध HCO में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
  4. अभियोग और दंड: अनुचित HCO पर शो कॉज नोटिस जारी किए जाते हैं और समझौता ज्ञापन (MoA) के प्रावधानों के अनुसार 15% पीबीजी को जब्त करना, लंबित बिलों से अधिक राशि की वसूली आदि जैसे दंड लगाए जाते हैं।
  5. समस्या निवारण बैठकें: HCO को नियमित रूप से आयोजित होने वाली जोनल सलाहकार समिति (ZAC) की बैठकों में उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है ताकि लंबित मुद्दों पर चर्चा और समाधान किया जा सके।
  6. निर्देशों का पालन: HCO को समय-समय पर मंत्रालय/विभाग द्वारा जारी CGHS दिशानिर्देशों/नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं।

केंद्र सरकार ने CGHS रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन कदमों से न केवल पेंशनरों और कर्मचारियों को त्वरित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी, बल्कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में भी पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी।

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