कर्मचारी पेंशन योजना 1995: पेंशनर्स का मोदी सरकार और EPFO पर हमला, कहा-पेंशनभोगियों के पाई-पाई का हिसाब करें सार्वजनिक

EPS 95 पेंशनभोगियों ने केंद्रीय बजट 2024 में पेंशन बढ़ोतरी का प्रावधान न होने पर नाराजगी जताई है। वे सरकार और EPFO से अपने अंशदान का सार्वजनिक हिसाब-किताब मांग रहे हैं, ताकि धन के उपयोग की जानकारी मिल सके।

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Written by Rohit Kumar

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कर्मचारी पेंशन योजना 1995: पेंशनर्स का मोदी सरकार और EPFO पर हमला, कहा-पेंशनभोगियों के पाई-पाई का हिसाब करें सार्वजनिक

केंद्रीय बजट 2024 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पेंशनभोगियों के निशाने पर आ गए हैं। पेंशनर्स ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है, खासतौर पर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस 95) के तहत पेंशन पाने वालों ने अपनी शिकायतें साझा की हैं।

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सोशल मीडिया पर जम कर कोस रहे पेंशनर

पेंशनर्स विश्वनाथ ने फेसबुक पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट तस्वीर पर टिप्पणी करते हुए कहा, “EPS 95 पेंशनभोगियों के लिए पेंशन बढ़ाने के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया गया।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्यसभा मंत्रियों, कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और अतिथियों के आतिथ्य के लिए 1248.91 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

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EPS 95 पेंशनभोगियों के साथ भेदभाव

EPS 95 पेंशनभोगियों का कहना है कि उन्हें 30-40 साल की सेवा के बाद अपने अंशदान पर पेंशन मिलती है, जबकि सांसदों और विधायकों को बिना अंशदान के भारी पेंशन मिलती है। पीएम मोदी ने बजट की सराहना करते हुए कहा था कि “बजट सभी श्रेणियों के लिए सशक्त है”, लेकिन पेंशनभोगियों ने सवाल उठाया कि EPS 95 पेंशनभोगियों की श्रेणी क्या है?

पेंशनर्स का आक्रोश

राजेंद्र पी. श्रीवास्तव ने कमेंट करते हुए लिखा, “बिल्कुल सही, माननीय प्रधानमंत्री ने बजट की सराहना की है, जिसमें सभी श्रेणियों को सशक्त बनाया गया है, लेकिन EPS 95 पेंशनभोगी किस श्रेणी में आते हैं, यह दुखद है।”

लखनऊ के पेंशनर्स की मांग

लखनऊ के पेंशनर्स ने बड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि EPFO से यह मांग की जाए कि EPS 95 में योगदान देने वाले भूतपूर्व और वर्तमान कर्मचारियों के अंशदान का हिसाब-किताब सार्वजनिक किया जाए। शिबू चौधरी ने कहा, “हमारे द्वारा जमा की हुई धनराशि का आय-व्यय का लेखा जोखा सार्वजनिक रूप से प्रकाशित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह हमारा अधिकार है।”

EPS 95 पेंशनभोगियों की नाराजगी और मांगों को देखते हुए यह जरूरी है कि सरकार और EPFO उनके अंशदान का सार्वजनिक हिसाब दें। पेंशनभोगियों के सवाल और समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

आपकी क्या राय है? कृपया अपनी राय दें और इस मुद्दे को साझा करें।

9 thoughts on “कर्मचारी पेंशन योजना 1995: पेंशनर्स का मोदी सरकार और EPFO पर हमला, कहा-पेंशनभोगियों के पाई-पाई का हिसाब करें सार्वजनिक”

  1. After having worked for many years till 58 years in a private limited company, I am getting a pension of Rs.1,575/- per month. It is a shame on the part of the Union Government which did not take care of pensioners retired from private limited companies. Many of thev. pensioners who have retired in 2014 have crossed 70 / 72 years old and the pension amount which is very small like sesame. We are dying.

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  2. अभी पेंशन के नाम पर केवल बेवकूफ बनाया जा रहा है मेरा पैसा काटा है उसका जो इंटरेस्ट मिलता है लगभग वही दे दिया जाता है और मेरी जमा पूंजी लास्ट में हजम कर ली जाती है
    सरकार को चाहिए इस प्रकार मिलने वाली पेंशन को संज्ञान में लेकर के उचित उचित कदम उठाए और पेंशन कर्मियों को सही न्याय मिले

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  3. यूट्यूब पर भाजपा संघटन कौशल्य सरकारकी वाह वाह करने हेतु पेन्शन बढाई जाने की बाते करते है और सरकार स्पष्ट रुपसे नकार देती है यह सब पेन्शनर लोगो को गुमराह करने वाली बात हैं.सरकार हर लोगो का खयाल करती है तो यह लोग हिन्दुस्तान के नागरिक नहीं है

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