EPS-95 पेंशनभोगियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हायर पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पेंशन के अनुपात में भुगतान और उसकी गणना को लेकर पेंशनभोगियों के मन में कई सवाल हैं। हाल ही में लोकसभा में श्रम और रोजगार मंत्री से इस मुद्दे पर पूछे गए सवालों के जवाब में इन सवालों के कुछ उत्तर मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का कार्यान्वयन
बता दें, लोकसभा में सांसद श्री के. राधाकृष्णन ने श्रम और रोजगार मंत्री से पूछा कि क्या सरकार ने 4 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके जवाब में, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करांदलाजे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद EPFO ने पात्र पेंशनभोगियों से आवेदन आमंत्रित किए थे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 जुलाई, 2023 थी। इन आवेदनों पर लागू नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
वेतन के अनुपात में पेंशन का भुगतान
आगे सांसद श्री के. राधाकृष्णन ने यह भी पूछा कि क्या सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पेंशनभोगियों को वेतन के अनुपात में पेंशन भुगतान के लिए आवश्यक राशि की गणना की है। इस पर सुश्री शोभा करांदलाजे ने बताया कि पेंशन की गणना EPS, 1995 के प्रावधानों के अनुसार की जा रही है, जिसमें यथानुपात (Prorata pension) गणना का प्रावधान है।
पेंशन निधि की स्थिति
श्री के. राधाकृष्णन ने यह भी पूछा कि क्या बिना दावेदार कानूनी उत्तराधिकारियों के कर्मचारी भविष्य निधि पेंशन निधि में बड़ी मात्रा में धनराशि पड़ी है और क्या इस राशि का उपयोग पेंशन के समानुपात में भुगतान के लिए किया जा सकता है। इस पर सुश्री शोभा करांदलाजे ने बताया कि EPS, 1995 के तहत पेंशन फंड एक साझा फंड है और व्यक्तिगत खातों का रखरखाव नहीं किया जाता है। पेंशन फंड वर्तमान में घाटे में है, इसलिए इस राशि का उपयोग करना संभव नहीं है।
पेंशनर्स की पेंशन गणना के लिए जरूरी कदम
EPS-95 पेंशनभोगियों की हायर पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद देरी का मुख्य कारण प्रक्रियात्मक है। सरकार ने पात्र पेंशनभोगियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं और पेंशन की गणना के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
हालांकि, पेंशन फंड की वर्तमान वित्तीय स्थिति और साझा फंड के रूप में इसके रखरखाव के कारण, पेंशन के समानुपात में भुगतान के लिए कोई अतिरिक्त राशि का उपयोग करना संभव नहीं है। पेंशनभोगियों को अपनी पेंशन की सही गणना और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी रखनी चाहिए।
Modi sarkar ko 18 months da/dr aur old pension de kar 56″ ka taqat dikha dena chahiye,, ,, aur kHiye,,e naya bharat hai,,,jahan sabka saath sabka bikash hota hai,,,aur is se bhi barkar kahiye Modi,hai to mumkin hai
جلدی ہائرپینشن دیاجائے۔سینٹرل گورنمینٹ جلد فیصلہ کرے اور پینشنرس کوزیادہ اور معقول پینشن دے
Sir I am retired from Ranbaxy pharma co. In 2017.at that time my basic salary was 5000. I have recieved a certificate from central govt. Delhi but yet pension no started please guide me
ये लोग बड़ी आसानी से केवल अपनी पेंशन बढ़ा लेते है लेकिन जनता का पैसा जनता को देने मे इनको बड़ी तकलीफ होती हैं जैसे ये ही पूरे देश के मालिक हैं इन लोगो ने देश का सत्यानाश कर दिया है गुजरको का तो सम्मान भी भूल गए हैं इन्हें शर्म आनी चाहिए
EPFO KO BAND KAR DENA CHAHIYE AUR EMPLOYER’S KA SHARE PPF MAI JAMAKAR, 58 AGE HONE TAK HIGHER PENSION KE LYE AMT TAIYAR HO JAYEGA. EPFO MAI GADHE PANJEERI KHA RAHE HAI. CENTRAL GOVERNMENT PURE FUNDS PER KUNDLY MARE BAITHI HAI.
EPS-95 pension ko lekar bohut ghotala ho raha hai . Pro-rata basis ko kyun apply
kiya ja raha. EPS-95 ka shambodho mein
supreme court kya rai diya tha khulasha
kijiye. Jab pura pai pai hisab se paise liya ja raha higher income group se higher pension ke liye fir katouti kyu ho raha actual pension se ? Kyu nehi bola ja raha
demand letter mein kitna pension aayega , interest to hum sath me dehi
de raha phir bhi EPFO ko payment mein
der kyun ho raha ? Har chiz ka khulasha hona jaruri hai. Aapko paise jama karke
chupchap baitha rahene se hum logon ka sansar nehi chalegaa sir . Hum to retired ho gaya . Kisiko mil raha kisiko nehi mil raha iska baja kya hai. Hum to
savings for kar paise dene mein dar gaya,
immediate paise nehi milne se ghar nehi
chalegaa. Sir aap logon ne thora sa sochiye. Supreme court rai ke bad hum
logon ne jitna khush hua tha aaj us se bhi zyada maius hai hum log.
ई पी एस ९५ का पुरा पैसा एक मुस्त वापस मिलना चाहिए
सरकार को ईपीएफओ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बस ये पता है, संस्थान थाटे में है। सरकार ने ईपीस फंड पर इंटरेस्ट का प्रोविजन न किया श्रमिकों का पैसा फ्री में रख लिया। उस का प्रयोग कैसे हुआ श्रमिक जानते नहीं। जब योजना लागू करने की दम नहीं थी तो लागू क्यों की। सबका लिया पैसा प्रेजेंट रेट से वापस करो। नहीं चाहिए सरकार का ऐहसान। फ्री की योजना के लिए हमारी गरदने घोटने को तैयार, अपने कर्मचारियों को हर छटे महिने मंहगाई बढाने के लिए हमारी गरदने रेतने को तैयार। कोई एक सुविधा तो बतायें जो हमें दे रहे हो। भिखारियों की स्थिति पर पहुँचा दिया है। अस्पताल तक जाने के पैसे लोगों के पास तक नहीं। इलाज क्या खाक करवा यें। शर्म आती है। इस संसदीय व्यवस्था पर। क्या शांत से जीने वालों की कोई सुनवाई नहीं।
सरकार को हायर पेंशन पर जल्दी निर्णय लेना चाहिए ताकि जरुरत मंदो का गुजर हो सके