EPS 95 हायर पेंशन: दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 23 अगस्त को

दिल्ली हाई कोर्ट में EPS 95 उच्च पेंशन पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। ईपीएफओ ने दोनों याचिकाओं को क्लब करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, उच्च पेंशन का लाभ नहीं मिलने से पेंशनभोगियों में असंतोष है।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

EPS 95 हायर पेंशन: दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 23 अगस्त को

नई दिल्ली: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 के तहत उच्च पेंशन को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की गई है। यह मामला पेंशनभोगियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उनकी उच्च पेंशन की मांगें शामिल हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस मामले में दोनों याचिकाओं को क्लब करने की मांग की है, जिसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

पेंशनभोगियों की याचिकाएं और EPFO का रुख

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत उच्च वेतन पर हायर पेंशन की मांग को लेकर पेंशनभोगियों ने दो याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की हैं। इनमें से एक याचिका में EPFO ने जवाब दाखिल नहीं किया है, जबकि दूसरी याचिका में EPFO ने दोनों मामलों को क्लब करने का आवेदन किया है। EPFO का कहना है कि दोनों याचिकाएं एक ही विषय पर आधारित हैं, इसलिए उनकी सुनवाई एक साथ की जाए।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

एफसीआई और ईपीएफओ के बीच विवाद

भारतीय खाद्य निगम (FCI) के कार्मिकों ने EPFO के खिलाफ उच्च पेंशन की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। एफसीआई रिटायर्ड फेडरेशन और एफसीआई रिटायर वेलफेयर एसोसिएशन ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि EPFO ने FCI के ट्रस्ट के नियमों और EPFO के नियमों का उल्लंघन किया है। FCI का कहना है कि 3 सितंबर 2006 को EPFO को पत्र लिखा गया था, जिसमें उच्च पेंशन की मांग की गई थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर 2022 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 2014 के बाद सेवा निवृत्त और सेवारत कर्मचारियों को EPS 95 के तहत उच्च पेंशन का लाभ दिया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जो सदस्य पहले विकल्प का उपयोग नहीं कर सके, उन्हें आदेश की तारीख से चार महीने के भीतर संशोधित योजना के तहत ऐसा करने की अनुमति दी जाए। इसके बावजूद, EPFO ने इस आदेश को लागू करने में देरी की है, जिससे पेंशनभोगियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

सेफी की मांगें

स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) ने श्रम मंत्री से उच्च पेंशन पर हस्तक्षेप की मांग की है। सेफी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, उच्च पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे कर्मचारी असंतुष्ट हैं। सेफी के चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर ने श्रम रोजगार युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडवीया से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।

EPFO के असंगत कार्यान्वयन

EPFO के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जारी पेंशन गणना फार्मूला सुप्रीम कोर्ट के आदेश और EPFO के स्वयं के परिपत्रों के विपरीत है। इससे शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन होता है। इसके अलावा, पेंशन भोगियों को अंतर राशि पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है, जबकि EPFO ब्याज के साथ पेंशन बकाया की भरपाई नहीं करता।

EPS 95 न्यूनतम पेंशन की स्थिति

EPS 95 के तहत न्यूनतम पेंशन की मौजूदा स्थिति पेंशन भोगियों के लिए निराशाजनक है। मात्र ₹2000 की मासिक पेंशन से परिवार का खर्च चलाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। केंद्रीय बजट में उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ ऐसे कदम उठाएंगी जिससे पेंशन भोगियों को राहत मिल सके, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 के तहत उच्च पेंशन की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। पेंशनभोगियों के लिए यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उनकी वित्तीय सुरक्षा और गरिमा की बात है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद EPFO द्वारा उच्च पेंशन का लाभ न मिलने से पेंशनभोगियों में असंतोष है। सेफी और अन्य संगठनों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही ढंग से पालन हो सके और कर्मचारियों को उच्च पेंशन का लाभ मिल सके।

यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी हो, तो इसे शेयर करना न भूलें। इस तरह की और भी खबरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और अपडेट प्राप्त करते रहें।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें